दक्षिण कोरिया की तर्ज पर अपषिष्ट से बिजली बनाने पर विचार


हैदराबाद, तेलंगाना के मंत्रियों और अधिकारियों की टीम दक्षिण कोरिया का दौरा कर रही है। सियोल में मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पोन्नम प्रभाकर, सीएम के सलाहकार वेम नरेंद्र रेड्डी, सांसद चामला किरणकुमार रेड्डी, हैदराबाद की मेयर गदवाल विजयलक्ष्मी, कई विधायक, नगर निगम विभाग के प्रधान सचिव दानाकिशोर, जीएचएमसी, मूसी रीवरफ्रंट के अधिकारी इस टीम में शामिल हैं। टीम ने दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में मेपो रिसोर्स रिकवरी प्लांट का दौरा किया, जो कचरे से बिजली बनाता है।
इस केंद्र में प्रतिदिन 1000 टन कचरे को रीसाइकल कर बिजली बनाई जा रही है। सियोल शहर सरकार अपशिष्ट पुनर्चक्रण के लिए अपशिष्ट से ऊर्जा प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है। आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना किया जाता है। अगले दस वर्षों में सियोल शहर की सरकार इस प्लांट को पूरी तरह हटाकर भूमिगत बनाने की कोशिश कर रही है। इसी सिलसिले में तेलंगाना के मंत्रियों की एक टीम मेपो रिसोर्स रिकवरी प्लांट की कार्यप्रणाली का अध्ययन करने के लिए वहां गई। हैदराबाद में अपशिष्ट से बिजली बनाने की संभावना तलाशी जा रही है।
अवसर पर नगर प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव दानाकिशोर ने बताया कि हैदराबाद और सियोल का सिटी मॉडल एक जैसा होगा। सियोल में करीब 10 हजार मीट्रिक टन कूड़ा इकट्ठा किया जाता है और शहर के चारों तरफ पहुंचाया जाता है। हैदराबाद में करीब 8 हजार मीट्रिक टन कूड़ा इकट्ठा कर एक दिशा में ले जाया जा रहा है। सीएम रेवंत रेड्डी के आदेश के अनुसार, सियोल की तरह ही शहर के चारों ओर 4 स्थानों की पहचान की गई है। यह स्पष्ट किया गया है कि इसे चार तरफ ले जाने से परिवहन लागत कम हो जाएगी। इसके अलावा मूसी रीवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के संबंध में अध्ययन करने के लिए सोमवार को चेओन्गगीचेओन स्ट्रीम का टीम ने दौरा किया। दक्षिण कोरिया के सियोल शहर के केंद्र में 20 साल पहले बना नाला अब वरिष्ठ नागरिकों, युवाओं और पर्यटकों का पसंदीदा ठिकाना बन गया है।

खिरकार, दक्षिण कोरिया के औद्योगीकरण और आधुनिकीकरण ने धारा को सीवेज नहर में बदल दिया, जिसकी स्थिति बड़ी संख्या में प्रवासी आबादी के इसके किनारों पर बसने से और खराब हो गई। 20वीं सदी के मध्य में शहर की आंखों में खटकने वाली इस जगह को साफ करने के लिए जलमार्ग पर कांक्रीट डालने का प्रयास किया गया था। 1976 में इस पर एलिवेटेड एक्सप्रेस वे बनाया गया, जिससे इस नाले को छिपाने और यात्रियों की मदद करने का दोहरा उद्देश्य पूरा हुआ। यह लगभग सूखा था। लगभग पचास साल पहले तक, किनारे पर झुग्गीöझोप़डियां थी, लेकिन सरकारी अधिकारियों ने एक्सप्रेस हाईवे के लिए झोपड़ियों को हटा दिया। कोई मुआवजा नहीं दिया गया, क्योंकि उस समय कोरिया बहुत गरीब था।
वर्ष 2002 में सियोल के तत्कालीन मेयर ली म्युंगöबाक ने एक्सप्रेसवे को हटाने और हान नदी से पानी मोड़कर धारा को बहाल करने का साहसिक निर्णय लिया, क्योंकि धारा को अब अपने प्रावफढतिक स्रोत से पानी नहीं मिल पा रहा था। इस नाले की सफाई और जीर्णोद्धार पर कुल 281 मिलियन अमेरिकी डॉलर कथित तौर पर खर्च किए गए थे। धारा को सड़क से अलग करने के लिए दोनों तरफ छह से 20 फीट ऊंची रिटेनिंग दीवारें बनाई गई और सीढ़ियों व ढलानों के माध्यम से 30 से अधिक मार्ग बनाए गए। चैनल पर कुल 22 पुल हैं, जिनमें से कुछ पैदल यात्रियों के लिए हैं। पानी के दोनों तरफ हरियाली है। वफढत्रिम झरने हैं और पत्थरों का उपयोग करके क्रॉसिंग बनाई गई है। रिटेनिंग वॉल पर 19 कॉरपोरेट्स की सूची का उल्लेख किया गया है, जिन्होंने बहाली में मदद की, जिसमें आदित्य बिड़ला समूह भी शामिल है।
हान नदी से मोड़ा गया पानी धारा के माध्यम से बहता है और जंगनांगचेन धारा से मिलता है, जो एक सहायक नदी है जो पीले सागर में समाप्त होने से पहले हान नदी में विलीन हो जाती है। हालाँकि यह कदम महानगर के सौंदर्यीकरण के लिए था, लेकिन इसके साथ ही इसके अन्य लाभ भी थे। रिटेनिंग दीवारों पर पानी के निशान बताते हैं कि धारा बाढ़ नियंत्रण का उद्देश्य भी पूरा करती है। मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी और पोन्नम प्रभाकर के नेतफत्व में एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार (21 अक्टूबर, 2024) को चेओन्गगीचेओन स्ट्रीम का दौरा किया, ताकि मूसी रीवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में इसका अध्ययन किया जा सके। प्रधान सचिव एम. दानाकिशोर टीम के साथ थे और उन्होंने बहाली के प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। सांसद चमाला किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना राज्य सरकार ने हैदराबाद शहर और तेलंगाना के लोगों के सुनहरे भविष्य को ध्यान में रखते हुए मूसी नदी को साफ करने का फैसला किया है और इसी कारण उन्होंने अन्य मंत्रियों व अधिकारियों के साथ सियोल में चेओंग गाई चेओन नदी का निरीक्षण किया।
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