प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण है गाय : बंडी संजय

हैदराबाद, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय ने स्पष्ट किया कि गाय केवल दूध नहीं देती है, बल्कि यह हमें प्राण देने वाली भी है। गाय पर्यावरण संरक्षण व प्राकृतिक संतलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बंडी संजय ने नारायणगुड़ा स्थित केएमआईडी इंजीनियरिंग कॉलेज में तेलंगाना गौसेवा विभाग के तत्वावधान में आयोजित गौ पर्यावरण संरक्षण की राज्यस्तरीय परीक्षा के विजेताओं को प्रशंसा पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गाय को बचाना प्रकृति व भविष्य की रक्षा है। उन्होंने कहा कि विज्ञान ने माना है कि गाय केवल धर्म का विषय नहीं है।
बंडी संजय ने बताया कि इस्लाम के अनुयायियों द्वारा नमाज के समय गाय को पास में रखे दृश्य भी देखे गए हैं। उन्होंने कहा कि गाय को बचाना प्रकृति की रक्षा है। भारतीय संस्कृति, भविष्य और भूमि का अस्तित्व गौमाता में ही छुपा हुआ है। उन्होंने कहा कि गाय की उपेक्षा करके हम सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति और हमारी जीवन शैली को भूलते जा रहे हैं। यही कारण है कि सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक भोजन, पीने का पानी भी प्रदूषित होकर हमारे पेट को भी प्रदूषित करने लगा है।
गौ संरक्षण की उपेक्षा से बढ़ रहा प्रदूषण और संकट
बंडी संजय ने दुःख जताते हुए कहा कि वर्तमान समय हम गौ संरक्षण भूल चुके हैं। गाय को हमारे पूर्वज पूजते थे परंतु हमनें गाय को सड़कों पर कचरे में आहार ढूंढने, बल्कि प्लास्टिक खाने पर मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि शहरों ही नहीं, गावों में भी 90 प्रतिशत लोग पैकेट के दूध, पाउडर के दूध, डिब्बे के दूध पर निर्भर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि गाय की उपेक्षा से पर्यावरण प्रदूषित होने लगा है। प्रतिदिन प्राकृतिक आपदाएं आने लगी हैं।
बंडी संजय ने कहा कि तेलंगाना की जनसंख्या 4 करोड़ है परंतु पशु संतति केवल 42 लाख है। इनमें से आधे बिना दूध देने वाले पशु हैं। इसके अलावा कुछ अन्य पशुओं के दूध का उपयोग किया जाए तो हैदराबाद के लिए भी पर्याप्त नहीं होगा। बंडी संजय ने गाय का महत्व बताते हुए कहा कि गोमल को खेती में खाद तथा गोमूत्र को कीटनाशक के लिए उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि गाय का गोबर भूमि को उपजाऊ बनाता है वहीं बायोगैस उत्पादन के लिए भी उपयोगी है।

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हर गांव में बनेगी गौशाला, पाठ्यक्रम में शामिल होगी गाय
बंडी संजय ने बताया कि गाय के गोबर की उपलियां जलाने से वायु प्रदूषण दूर होता है, घर के आंगन को लीपने से एंटी बैक्टिरिया का काम करता है। उन्होंने कहा कि हमारी मां केवल हमें दूध देती है परंतु गाय समस्त मानव जाति के अस्तित्व को दूध देती है। उन्होंने कहा कि गौशाला केवल पशुओं का आश्रय ही नहीं है बल्कि पर्यावरण की पाठशाला है। इसलिए केंद्र द्वारा हर गांव में गौशालाओं का प्रबंध किया जाएगा तथा भावी पीढ़ी को गाय के मूल्यों की जानकारी प्राप्त हो, इसके लिए गाय से संबंधित विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
बंडी संजय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने गोधन बचाने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। इनमें राष्ट्रीय गोकुल मिशन, नेशनल मिशन ऑन नैचुरल फार्मिंग (एनएमएनएफ), लाइव स्टॉक हेल्थ एंड डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम, नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम जैसी कई योजनाएं हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने कृषि अनुबंधित क्षेत्रों पर जीएसटी शून्य किया है। सारा विश्व काऊ बेस्ड आर्गनिक फार्मिंग पर ध्यान दे रहा है।
बंडी संजय ने परीक्षा के विजेताओं को शुभकामनाएं भी दीं। कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला व खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने भी गोमाता की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। अवसर पर गौसेवा विभाग प्रांत प्रमुख एम.वी. निवास, प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. गुम्मड़ीपल्ली श्रीनिवास आदि उपस्थित थे।
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