मेडारम जातरा को राष्ट्रीय त्यौहार का दर्जा देने की माँग


हैदराबाद, मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने मंगलवार को केंद्र सरकार से तेलंगाना के प्रतिष्ठित आदिवासी त्यौहार मेडारम महाजातरा को राष्ट्रीय त्यौहार का दर्जा देने की अपील की। उन्होंने बताया कि जनवरी 2026 में मुलुगु जिले में इसका बड़े पैमाने पर आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए केंद्र धनराशि आवंटित कर राज्य सरकार का सहयोग करे।






सम्मक्का सारलम्मा महाजात्रा या मेडारम जात्रा तेलंगाना सरकार का एक प्रादेशिक त्यौहार है, जिसे आदिवासी लोक देवी, सम्मक्का और उनकी बेटी सारलम्मा के सम्मान में आयोजित की जाती है।
मेडाराम में एक जनसभा में रेड्डी ने मुलुगु जिले के प्रसिद्ध सम्मक्का सारलम्मा मंदिर में भारत के सबसे बड़े आदिवासी जात्रा को केंद्र सरकार द्वारा समर्थन न दिए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने कुंभ मेले के लिए हजारों करोड़ रुपये जारी की, जबकि मेडारम जात्रा के प्रति उदासीनता दिखाई।

रेड्डी ने पिछली बीआरएस सरकार पर अपने 10 साल के शासन के दौरान मेडारम मंदिर के साथ भेदभाव करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने जनजातीय समुदाय के लिए शुरू किए गए कल्याणकारी और विकास कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी सरकार ने आईटीडीए क्षेत्रों में अतिरिक्त इंदिराम्मा घरों को मंजूरी दी है।
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मेडारम में स्थानीय मंदिर अधिकारियों, पुजारियों और प्रतिनिधियों के साथ मंदिर विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सम्मक्का-सारलम्मा मंदिर के विकास के लिए एक समर्पित टीम गठित करने और 100 दिनों में कार्य पूरा करने का निर्देश दिया।
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