मूल्य और संस्कृति के बिना शिक्षा निरर्थक : वेंकय्या नायुडू


हैदराबाद, पूर्व उप राष्ट्रपति एम. वेंकय्या नायुडू ने कहा कि मूल्य और संस्कृति के बिना शिक्षा निरर्थक है। राष्ट्र की असली संपत्ति उसके युवाओं में निहित है और प्रत्येक छात्र का कर्तव्य है कि वह 4डी सूत्र समर्पण, विषहरण, अनुशासन और विविधता का पालन करके अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाए।
वेंकय्या नायुडू यहाँ डॉ. एमसीआर एचआरडी संस्थान में जॉनसन पब्लिकेशंस द्वारा राष्ट्रीय स्तर की छात्र प्रतियोगिता टैलेंटोत्सव-2025 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस युग में छात्रों को अपनी परंपराओं से जुड़े रहते हुए माता-पिता और शिक्षकों का सम्मान करते करना चाहिए।
अपनी मातृभाषा में बातचीत करना और अनुशासन के माध्यम से अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखना अनिवार्य है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वाइब कोडिंग जैसे आधुनिक कौशल सीखने पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा, जब ज्ञान, संस्कृति और चरित्र साथ-साथ चलते हैं, तो हम एक मज़बूत और अधिक प्रगतिशील भारत का निर्माण कर सकते हैं।

पुरस्कार समारोह में राम कमल एम, अकेला राघवेंद्र, डॉ. राधा चिंताला और कई प्रतिष्ठित शिक्षाविद् एवं गणमान्य उपस्थिति थे। देशभर के विभिन्न राज्यों से 2,500 से अधिक छात्रों ने इस राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 1,500 छात्रों ने अपनी असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
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यह आयोजन युवा प्रतिभाओं के लिए शिक्षा, कला, संगीत, नृत्य, वाक्पटुता और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में अपनी क्षमताओं को अभिव्यक्त करने के लिए एक जीवंत मंच के रूप में प्रस्तुत किया गया, ताकि टीम वर्क, नवाचार और आत्मविश्वास के मूल्यों को बढ़ावा दिया जा सके। जॉनसन पब्लिकेशंस के प्रबंध निदेशक डी. चंद्रशेखर ने इस अवसर पर कहा कि टैलेंटोत्सव प्रत्येक बच्चे के भीतर मौजूद असीम क्षमता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
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