फसल बीमा : एक रुपया देकर किसानों के साथ मज़ाक, मामले की जाँच के आदेश

नई दिल्ली, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कड़ा रुख अपनाते हुए उन शिकायतों की जांच के आदेश दिए जिनमें कुछ किसानों को एक रुपये से भी कम के फसल बीमा दावे मिलने की बात कही गई थी। यह सवाल उठाते हुए कि क्या बीमा कंपनियां किसानों के साथ ‘मज़ाक’ कर रही हैं, चौहान ने ज़ोर देकर कहा कि फसल नुकसान के ऐसे दावों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, साथ ही उन्होंने बीमा कंपनियों से नुकसान का उचित आकलन करने का भी आग्रह किया।

एक उच्चस्तरीय बैठक में, मंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के कार्यान्वयन और बीमा दावों से संबंधित किसानों की शिकायतों की समीक्षा की। शिकायतों की गहन जांच के आदेश देते हुए, चौहान ने बीमा कंपनियों से दावों का शीघ्र और एकमुश्त निपटान करने को भी कहा। चौहान ने कड़े शब्दों में कहा कि बीमा कंपनियों द्वारा एक रुपया, तीन रुपये, पांच रुपये या 21 रुपये का फसल बीमा दावा देना किसानों के साथ मज़ाक करने जैसा है। सरकार ऐसा कभी नहीं होने देगी।

चौहान ने पीएमएफबीवाई में सुधार किए

फसल क्षति से होने वाले नुकसान का सही आकलन सुनिश्चित करने के लिए, चौहान ने अधिकारियों को पीएमएफबीवाई योजना के प्रावधानों में आवश्यक बदलाव करने और किसी भी विसंगति को दूर करने का निर्देश दिया। बैठक में, मंत्री ने महाराष्ट्र के कुछ किसानों से वर्चुअल तरीके से बातचीत भी की और उपस्थित अधिकारियों से उनकी शिकायतों का समाधान करने को कहा।

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यह योजना खरीफ 2016 से शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक सभी अपरिहार्य प्राकृतिक जोखिमों के विरुद्ध किसानों की फसलों के लिए व्यापक जोखिम कवच सुनिश्चित करने को एक किफायती फसल बीमा उत्पाद प्रदान करके कृषि उत्पादन को समर्थन देना था। (भाषा)

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