विशालता का प्रतीक क्षमा : जयश्री म.सा.
हैदराबाद, क्षमा अपने आपमें बड़ी शक्ति है और किसी को क्षमा करना कोई आसान कार्य नहीं, बल्कि इसे विरले व वीर व्यक्ति ही कर सकते हैं। पर्युषण क्षमा का पर्व है, जो प्रत्येक व्यक्ति को सहनशील बनने की प्रेरणा देता है। क्षमा अपने आपमें विशाल है और इसे हर कोई धारण नहीं कर सकता है, क्योंकि क्षमा को धारण करने वाला सभी जीवों से मैत्री पूर्ण भाव रखता है और सभी को क्षमा करता है। क्षमा वीरों का आभूषण होता है, इसे हर कोई धारण नहीं कर सकता है।
उक्त उद्गार श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ग्रेटर हैदराबाद के तत्वावधान में काचीगुड़ा स्थित श्री पूनम चंद गांधी जैन स्थानक में चातुर्मासिक धर्म सभा को संबोधित करते हुए साध्वी जयश्री म.सा. आदि ठाणा-3 ने व्यक्त किये। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोकचंद तातेड़ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जी म.सा. ने कहा कि जैन जगत के अद्भुत पर्युषण महापर्व संवत्सरी में सब कुछ आरम्भ-समारंभ सीमित हो जाते हैं।
पर्युषण पर्व: क्षमा और सहनशीलता का संदेश
इस पर्व पर सच्चे हृदय व सच्ची श्रद्धा से आराधना हो जाए, तो भव सागर बहुत सीमित हो जाता है। आत्म निर्जरा का महापर्व अनंत पुण्यवाणी व अनंत सौभाग्य से मिला क्षमा पर्व जैन धर्म में मनाया जाने वाला पावन त्यौहार है, जो समूचे देशवासियों को सुख शांति का संदेश देता है। क्षमापन दिवस एक दूसरे को निकट लाने का पर्व है। यह पर्व सिर्फ जैन समाज को ही नहीं, बल्कि अन्य सभी समाज के लोगों को अहंकार का त्याग कर धैर्य के रथ पर सवार होकर सादा जीवन उच्च विचारों की प्रेरणा देता है।
साध्वी राजश्रीजी म.सा. ने कहा कि क्षमा वही कर सकता है, जिसका हृदय विशाल होता है। क्षमा अपने आपमें बड़ी शक्ति है, क्योंकि हर कोई क्षमा नहीं कर सकता है, इसके लिए अहंकार का त्याग करना पड़ता है, जहाँ अहंकार है वहाँ क्षमा का कोई स्थान नहीं रहता है। अहंकार और क्षमा दोनों एक दूसरे के विपरीत होते हैं, क्योंकि अहंकार करने वाला कभी झुकता नहीं। क्षमा का पर्व पर्युषण हमें सहनशील बनने की प्रेरणा देता है।
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पर्युषण धर्मसभा में तपस्वियों और सहयोगियों का सम्मान
क्षमा को लेकर प्रभु महावीर ने कहा कि मैं सब जीवों से क्षमा चाहता हूँ, जगत के सभी जीवों के प्रति मेरा मैत्री भाव है। साध्वी समीक्षाश्रीजी म.सा. ने अंतगढ़ सूत्र का वाचन किया। धर्म सभा का संचालन करते हुए महामंत्री पवन कटारिया ने संघ व चातुर्मास की गतिविधियों का ब्यौरा दिया। धर्मसभा में अट्ठाई के प्रत्याख्यान लेने वाले तपस्वियों का संघ की ओर से शॉल, माला, चुनरी और प्रभावना द्वारा गौतमचंद कमल किशोर सुरेश डंक परिवार की ओर से बहुमान किया गया।
आज की प्रभावना के लाभार्थी सुधा कीमती, विक्रम व प्रिया कीमती सहजोड़े अट्ठाई के उपलक्ष्य मे राजेंद्र कीमती विनोद कुमार कीमती विक्रम कुमार कीमती परिवार, दिलीप सिंघवी की अट्ठाई के उपलक्ष्य में पारसमल दिलीप भावेश सिंघवी परिवार अम्बरपेट और मुन्नालाल जितेंद्र कुमार वंश उज्ज्वल गांधी परिवार पूना तथा हर्ष खिवंसरा के 9 उपवास की तपस्या के उपलक्ष्य में प्रेमराज सुरेश राजेश खिवंसरा परिवार, मालाकुंटा परिवार रहे।
पर्युषण के आयोजन में सहयोग देने वाली संस्थाओं और पदाधिकारियों के प्रति संघ की ओर से आभार जताया गया। विशेषकर भोजन समिति के प्रमुख अशोक तातेड़, अजित बोहरा, राहुल रामावत व सम्पूर्ण टीम के सहयोग के लिए आभार जताया गया। गोचरी सेवा के लिए अजय, सेवग देवराज, अनिल, कमल चौहान के प्रति, आवास व्यवस्था के लिए रमण धोका, राहुल रामावत, अशोक चाणोदिया व उनकी टीम के प्रति आभार जताया गया। धर्म सभा में चंदनबाला बहू मंडल, सुरेश पोकरना, मेघा बम्ब और दीपक कीमती ने तपस्वियों की अनुमोदना में स्तवन पेश किया।
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