दुर्घटना के लिए पूर्व भारास सरकार जिम्मेदार : कोंडा विश्वेश्वर
हैदराबाद, चेवेल्ला सांसद कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी ने मिर्जागुड़ा के भीषण हादसे के लिए पूर्व भारास सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सनसनीखेज बयान दिया। उन्होंने अपने बयान में कहा कि बड़ के पेड़ों को बचाने के लिए किए गए प्रयास के कारण ही आज यह हादसे को देखना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मिर्जागुड़ा के जिस सड़क पर यह हादसा हुआ, यह सड़क निजाम के शासन के दौरान डाली गई थी और सड़क पर कई गड्ढे बने हुए हैं। इसके अलावा सड़क काफी टेढ़ी-मेढ़ी है। इस सड़क पर कार का जाना भी काफी मुश्किल है, लेकिन यह सड़क तांडूर से विकाराबाद जाने के लिए मुख्य रूप से उपयोग में लाई जा रही है।
कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी ने अपने बयान में कहा कि वर्ष 2017 के दौरान उन्होंने इस सड़क के विस्तार के लिए अन्य 10 सड़कों के साथ प्रस्ताव भेजा, जिसे केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी भी प्रदान की, लेकिन तत्कालीन सरकार ने सड़क विस्तारीकरण के कार्य के लिए भू-अधिग्रहण में काफी लापरवाही बरती। भारास सरकार ने अपने शासन के अंतिम समय में भू-अधिग्रहण तो किया, लेकिन रियल इस्टेट व्यापारियों के दबाव में आकर यह भू-अधिग्रहण नाम मात्र का साबित हुआ।
इसके अलावा तमिलनाडु निवासी पर्यावरण प्रेमी ने सड़क विस्तारीकरण के तहत भारी संख्या में बरगद पेड़ों समेत अन्य पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए अदालत की शरण ली, जिस कारण सड़क विस्तारीकरण का मामला लटक गया। हाल ही में अदालत में सुनवाई के दौरान काटे गए पेड़ों को पुन लगाने का आश्वासन देने पर पर्यावरण प्रेमी ने अपनी याचिका वापस ले ली, लेकिन विस्तारीकरण का कार्य प्रारंभ होने से पहले ही यह हादसा हुआ। उन्होंने इस हादसे के लिए पूरी तरह से तत्कालीन भारस सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया।
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संकरी सड़क के कारण हुआ हादसा : काले यादैया
तेलंगाना के विधायक काले यादैया ने सोमवार को चेवेल्ला के पास हुई दुर्घटना के लिए सड़क के संकरे होने को जिम्मेदार हराया। चेवेल्ला के विधायक यादैया ने पत्रकारों से कहा कि हालांकि सड़क चौड़ीकरण कार्य को पांच साल पहले मंजूरी दी गई थी, लेकिन काम शुरू नही हो सका क्येंकि कुछ लोगें ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) से संपर्क कर कुछ चिंताएं जताई थी। विधायक ने कहा कि यह सच है कि यह सड़क संकरी है।
बीजापुर से मानेगुड़ा जाने वाली सड़क पर हमेशा वाहनें का जमावड़ा रहता है। इस सड़क के चौड़ीकरण को पांच साल पहले मंजूरी मिली थी लेकिन कुछ लोगें ने एनजीटी का रुख किया इसलिए सड़क का काम शुरू नही हो सका जिसके कारण अक्सर दुर्घटनाएँ हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हम एनजीटी का दरवाजा खटखटाने वालों को मामले वापस लेने के लिए मनाने में कामयाब रहे। यही वजह है कि दो दिन पहले काम शुरू हो गया था।
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