ज्योतिष दृष्टि से पौष मास का महत्व

पौष मास को सूर्य की पूजा, तप और साधना का बहुत पवित्र समय माना गया है। यह महीना आध्यात्म के साथ-साथ ग्रहों की स्थिति के कारण भी खास प्रभाव डालता है। ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्यदेव गुरु की राशि धनु में होते हैं तो उनके समीप बुध भी रहता है। बुध के प्रभाव से लोगों का मन शांत रहता है, जिससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

इसी दौरान मंगल का धनु राशि में गोचर साहस, उत्साह और लक्ष्य हासिल करने की क्षमता को मजबूत करता है। धनु में स्थित मंगल व्यक्ति को सक्रिय, स्पष्ट और परिणाम देने वाला बनाता है। गुरु और मंगल की आपसी दृष्टि कार्यक्षेत्र में प्रगति, सही निर्णय और मेहनत के उचित फल का योग बनाती है। इन सभी ग्रह-योगों का संयुक्त प्रभाव जीवन में शुभ परिणाम, मन की शांति, स्पष्ट सोच और उन्नति के अवसर बढ़ाता है।

बुधादित्य योग

सूर्य का धनु राशि में प्रवेश इस महीने का प्रमुख प्रभाव है। सूर्य और गुरु के संयोजन से धनु में बनने वाला यह बुधादित्य योग आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और धार्मिक रुझान को बल देता है। सूर्यदेव गुरु की राशि में रहकर शुभ फल प्रदान करते हैं, जिससे सरकारी कार्य, प्रतिष्ठा और सामाजिक सम्मान में वृद्धि का योग बनता है।

इस अवधि में बुध का सूर्य के समीप होने से बुधादित्य योग का निर्माण होता है। यह योग बुद्धि, वाणिज्य, लेखन कार्य, व्यापारिक निर्णय और संचार कौशल को प्रबल बनाता है, जिन जातकों का कार्यक्षेत्र व्यापार, लेखन, मीडिया, शिक्षा या वित्त से जुड़ा है, उनके लिए यह योग विशेष लाभदायी माना जाता है।

मंगल के गोचर के परिणाम

पौष माह में मंगल का धनु राशि में गोचर साहस, उत्साह और कामों को समय पर पूरा करने की क्षमता को बढ़ाता है। यह अवधि लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने, नए निर्णय लेने और कार्यक्षेत्र में तेजी लाने के लिए अनुकूल मानी जाती है। धनु में स्थित मंगल भूमि, संपत्ति और वाहन संबंधी मामलों में भी सहयोगी माना जाता है, बशर्ते जन्मकुंडली में मंगल प्रतिकूल न हो। इस योग के प्रभाव से रुके हुए कार्य आगे बढ़ते हैं, आत्मविश्वास मजबूत होता है और प्रयासों का परिणाम जल्दी मिलता है।

पौष मास के उपाय

  • प्रति दिन सूर्य देव को अर्घ्य दें।
  • पौष अमावस्या और गुरुवार को अन्न का दान करने से जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं।
  • बुधवार को हरी वस्तु या मूंग की दाल का दान करने से बुध का प्रभाव बढ़ता है, जिससे व्यापारिक हानि कम होती है।
  • मंगलवार को हनुमान चालीसा पाठ करें। हनुमान जी को गुड़-चने का भोग लगाने से मंगल दोष शांत होता है।
  • घर और कार्यस्थल में अव्यवस्था न रखें। इसे धन-हानि को रोकने के लिए अत्यंत प्रभावी उपाय माना गया है।

इन उपायों का नियमित पालन करने से आर्थिक स्थिरता और मानसिक शांति बनी रहती है।

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