एआई आधारित कंटेंट में बढ़ रही गलतियाँ काम का बोझ और हल दोनों पर चर्चा

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मेलबर्न, क्या आपने कभी अपनी नौकरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल काम की गुणवत्ता या सटीकता की दोबारा जांच किए बिना किया है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं होंगे। हमारे वैश्विक अध्ययन से पता चलता है कि कार्यस्थल पर एआई का इस्तेमाल करने वाले दो-तिहाई (66 प्रतिशत) कर्मचारी बिना मूल्यांकन किए एआई सामग्री पर निर्भर रहे हैं।

इससे दूसरों के लिए त्रुटियों की पहचान और सुधार में काफ़ी अतिरिक्त काम पैदा हो सकता है, प्रतिष्ठा को नुकसान की तो बात ही छोड़िए। इसी हफ़्ते, कंसल्टिंग फ़र्म डेलॉइट ऑस्ट्रेलिया ने औपचारिक रूप से माफ़ी मांगी, क्योंकि संघीय सरकार के लिए तैयार की गई 440,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर की एक रिपोर्ट में एआई से जुड़ी कई त्रुटियां पाई गईं।

इसी पृष्ठभूमि में “वर्कस्लोप” शब्द चर्चा में आया है। हाल में हार्वर्ड बिज़नेस रिव्यू के एक लेख में प्रचलित, यह शब्द एआई द्वारा निर्मित ऐसी सामग्री को संदर्भित करता है जो देखने में तो अच्छी लगती है, लेकिन “किसी दिए गए कार्य को सार्थक रूप से आगे बढ़ाने के लिए इसमें उचित सामग्री का अभाव होता है।’’

समय की बर्बादी के अलावा, कार्यस्थल पर “वर्कस्लोप” सहयोग और विश्वास को भी कम करता है। लेकिन एआई का इस्तेमाल इस तरह होना ज़रूरी नहीं है। जब सही कार्यों पर, उचित मानवीय सहयोग और निगरानी के साथ लागू किया जाता है, तो एआई प्रदर्शन को बेहतर बना सकता है। इसे सही करने में हम सभी की भूमिका है।

एआई से तैयार सामग्री के कारण ‘वर्कस्लोप’ का उभार

हार्वर्ड बिज़नेस रिव्यू के एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले महीने 40 प्रतिशत अमेरिकी कर्मचारियों को अपने सहकर्मियों के काम में इस तरह की लापरवाही देखने को मिली है।

सर्वेक्षण में बेटरअप लैब्स और स्टैनफोर्ड सोशल मीडिया लैब की अध्ययन टीम ने पाया कि औसतन प्रत्येक मामले को हल करने में प्राप्तकर्ताओं को लगभग दो घंटे लगे, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने अनुमान लगाया कि 10,000 लोगों वाली फर्म के लिए प्रति वर्ष 90 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 1.38 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर) की उत्पादकता की हानि होगी।

जिन लोगों को इस तरह की सामग्री मिली, उन्होंने झुंझलाहट और भ्रम की बात कही, क्योंकि कई लोगों ने इसे भेजने वाले व्यक्ति को कम विश्वसनीय, गैर रचनात्मक और गैर भरोसेमंद समझा। यह पहले के निष्कर्षों को दर्शाता है कि एआई के इस्तेमाल से विश्वसनीयता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

अदृश्य एआई, दिखने वाली लागत

ये निष्कर्ष कार्यस्थल पर एआई के इस्तेमाल पर हमारे अपने हालिया अध्ययन से मेल खाते हैं। 47 देशों के 32,352 कर्मचारियों की भागीदारी वाले सर्वेक्षण में, हमने पाया कि एआई पर अत्यधिक निर्भरता और तकनीक का गुप्त उपयोग आम बात है।

हमारे अध्ययन में शामिल कई कर्मचारियों ने जहां कार्यकुशलता या नवाचार में सुधार की बात कही, वहीं एक-चौथाई से ज़्यादा कर्मचारियों ने कहा कि एआई ने कार्यभार, दबाव और रोज़मर्रा के कामों में लगने वाले समय को बढ़ा दिया है। आधे कर्मचारियों ने कहा कि वे सहकर्मियों के साथ तालमेल के बजाय एआई का इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि इससे तालमेल प्रभावित होगा।

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मामले में स्थिति को और भी बदतर बनाते हुए, कई कर्मचारी अपने एआई उपयोग को छिपाते हैं; 61 प्रतिशत ने यह बताने से परहेज किया कि उन्होंने कब एआई का उपयोग किया था और 55 प्रतिशत ने एआई से तैयार सामग्री को अपना बताकर प्रस्तुत किया। पारदर्शिता की इस कमी के कारण एआई-संचालित त्रुटियों की पहचान करना और उन्हें सुधारना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

इन्हें ठीक करने के लिए आप क्या कर सकते हैं मार्गदर्शन के बिना, एआई कम-मूल्यवान, त्रुटि-संभावित सामग्री तैयार सकता है जिससे दूसरों के लिए काम का बोझ बढ़ जाता है। तो, हम एआई के लाभों को बेहतर ढंग से प्राप्त करने के लिए काम में खामियां कैसे कम कर सकते हैं?

यदि आप एक कर्मचारी हैं, तो तीन आसान कदम आपकी मदद कर सकते हैं:

— इस सवाल से शुरुआत करें, “क्या एआई इस काम को करने का सबसे अच्छा तरीका है?”। हमारे अध्ययन से पता चलता है कि यह एक ऐसा सवाल है जिसे कई उपयोगकर्ता छोड़ देते हैं। अगर आप तैयार विषय वस्तु की व्याख्या या बचाव नहीं कर सकते, तो उसका इस्तेमाल न करें

— यदि आप आगे बढ़ते हैं, तो एक संपादक की तरह एआई सामग्री को सत्यापित करें और उसके साथ काम करें; तथ्यों की जांच करें, कोड का परीक्षण करें, और संदर्भ तथा दर्शकों के अनुसार आउटपुट तैयार करें;

— जब दांव ऊंचा हो, तो इस बारे में पारदर्शी रहें कि आपने एआई का इस्तेमाल कैसे किया और आपने क्या जांच की ताकि जटिलता का संकेत मिले और अक्षम या अविश्वसनीय समझे जाने से बचें।

नियोक्ता क्या कर सकते हैं

नियोक्ताओं के लिए, शासन, एआई साक्षरता और मानव-एआई सहयोग कौशल में निवेश करना महत्वपूर्ण है। नियोक्ताओं को कर्मचारियों के प्रभावी उपयोग के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश और सुरक्षा निर्देश प्रदान करने चाहिए, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि एआई कब उपयुक्त है और कब नहीं।

इसका मतलब है एआई को लेकर रणनीति बनाना, यह चिह्नित करना कि एआई का सबसे ज़्यादा मूल्य कहां होगा, यह स्पष्ट होना कि कौन किसके लिए ज़िम्मेदार है, और परिणामों पर नज़र रखना। अगर इसे सही तरीके से किया जाए, तो इससे जोखिम कम होता है और ​​​​बाद में दोबारा काम करने की ज़रूरत कम होती है।

संगठनों को एआई साक्षरता की खाई को पाटने के लिए काम करना होगा। हमारे शोध से पता चलता है कि एआई साक्षरता और प्रशिक्षण, एआई से अधिक महत्वपूर्ण जुड़ाव और कम त्रुटियों से जुड़े हैं, फिर भी आधे से भी कम कर्मचारियों ने बताया है कि उन्हें कोई प्रशिक्षण या नीतिगत मार्गदर्शन मिला है।

कर्मचारियों को एआई का चयनात्मक, जवाबदेहीपूर्ण और सहयोगात्मक उपयोग करने के कौशल की आवश्यकता है। उन्हें यह सिखाना कि एआई का इस्तेमाल कब, कैसे, प्रभावी और जिम्मेदारी से करना है।

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