केसीआर परिवार अपने विवादों में ही फँसा : रेवंत रेड्डी

हैदराबाद, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि वह शीघ्र ही तुम्मिडिहट्टी परियोजना के लिए महाराष्ट्र का दौरा करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में ढाई वर्षों में एक लाख सरकारी पदों पर नियुक्तियाँ की जाएंगी। राज्य में बतुकम्मा साड़ी और केसीआर किट को छोड़कर सभी पुरानी योजनाएँ अभी भी जारी है।

दिल्ली में रेवंत रेड्डी ने मीडिया प्रतिनिधियों के साथ औपचारिक बातचीत के दौरान ये बातें कहीं। सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार नदियों को जोड़ने की कोशिश कर रहा है। इच्चमपल्ली से कावेरी नदी को जोड़ने का प्रस्ताव है। उन्होंने सवाल किया कि क्या उन्हें केंद्र के बुलाने पर जाने की बजाय केसीआर के फार्म हाउस को जाना चाहिए? अगर वह वहां जाएंगे, तो समस्याएँ कैसे हल होंगी? उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी उन्हें पत्र लिख रहे हैं, लेकिन उनको एक योजना के साथ आगे आना चाहिए। अगर किशन रेड्डी योजना के साथ आगे आते हैं, तो वह उनके साथ काम करने के लिए तैयार हैं।

केसीआर पर आरोप, जल विवाद और आरक्षण नीति

रेवंत रेड्डी ने कहा कि केसीआर भी विपक्ष के नेता के तौर पर दिल्ली जा सकते हैं। अगर वे राज्य के लिए काम करेंगे, तो उन्हें कोई नहीं रोकेगा। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष के नेता केसीआर यदि असेंबली में आते हैं, तो वे सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। केसीआर को असेंबली में आकर सरकार को उचित सुझाव देने चाहिए और वे उन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अपने पुराने आरोपों को दोहराते हुए कहा कि केसीआर ने अपने कार्यकाल के दौरान तेलंगाना के हितों को काफी नुकसान पहुँचाया।

2004 से 2014 तक 700 टीएमसी जल रायलसीमा गया, तो केसीआर के कार्यकाल में 1,200 टीएमसी जल रायलसीमा में स्थानांतरित हो गया। उन्होंने सवाल किया कि केटीआर ने आधी रात को लोकेश से तीन बार मुलाकात क्यों की। उन्होंने कहा कि केसीआर का परिवार हमारी सरकार पर ज़हर उगल रहा है। इस मौके पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है और केसीआर केवल उनके राजनीतिक विरोधी हैं।

रेवंत रेड्डी ने बीसी को 42 प्रतिशत आरक्षण देने का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके लिए हमारी अपनी रणनीति है। केसीआर ने वर्ष 2018 में पंचायत राज अधिनियम में बदलाव करके आरक्षण को 50 प्रतिशत तक सीमित किया था। वर्ष 2014 से पहले 34 प्रतिशत आरक्षण था, उसे घटा कर 23 प्रतिशत कर दिया गया। इसके मद्देनजर हमारी सरकार ने आरक्षण में कटौती के संशोधन के लिए एक अध्यादेश लाया।

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मुस्लिम आरक्षण, जांच और केसीआर परिवार में तनातनी

बहुत से लोग बिना समझे इस बारे में बात कर रहे हैं। मुस्लिम आरक्षण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह आजादी के बाद से ही लागू है। भाजपा शासित राज्यों में भी यह आरक्षण लागू किया जा रहा है। किशन रेड्डी को भाजपा शासित राज्यों में मुस्लिम आरक्षण हटाने के बाद ही इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए। उन्होंने फोन टैपिंग मामले का जिक्र करते हुए कहा कि यह जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में हो रही है।

कुछ लोग इस मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग कर रहे हैं। केंद्र ने प्रभाकर राव के प्रत्यर्पण में डेढ़ साल की देरी की। बताएँ कि राज्य सरकार की जाँच में क्या गलतियाँ हुई हैं। ईडी ने राज्य में जाँचे जा रहे कई मामलों को अपने हाथ में ले लिया है। केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी को बताना चाहिए कि इन मामलों की जाँच में कोई प्रगति क्यों नहीं हो रही है। उन्होंने ड्रग्स मामले का जिक्र करते हुए सवाल किया कि पिछले दिनों उच्च न्यायालय से ड्रग मामले में स्टे पाने वाले वे नहीं थे।

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केटीआर की आदत है कि वे चुनौती देते हैं और स्टे पाने के लिए कोर्ट जाते है। उन्होंने सवाल किया कि ड्रग टेस्ट के लिए आगे आने की चुनौती स्वीकार किए बिना कौन भाग गया। उन्होंने कहा कि कविता को केटीआर का नेतृत्व स्वीकार नहीं है। केटीआर अपने पिता केसीआर से विपक्ष के नेता का पद मांग रहे हैं। केसीआर इस पर सहमत नहीं हैं। केसीआर परिवार अपने विवादों में ही फंसी हुई है।

सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी देने की माँग

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने केंद्रीय आईटी एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से तेलंगाना में सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को शीघ्र मंजूरी देने का अनुरोध किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से प्रस्तावित एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज टेक्नोलॉजीज़ परियोजना और माइक्रो एलईडी डिस्प्ले फैब प्रोजेक्ट क्रिस्टल मैट्रिक्स को मंज़ूरी देने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा, नए नवाचारों के लिए अनुकूल वातावरण और विश्व स्तरीय अनुसंधान एवं विकास केंद्र मौजूद हैं।

रेवंत रेड्डी ने आज नई दिल्ली के रेल भवन में आईटी मंत्री श्रीधर बाबू और सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी के साथ मिल कर अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री का ध्यान ईएमसी 2.0 योजना के तहत रंगारेड्डी जिले के मुच्चेर्ला में एक उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क की स्थापना के तेलंगाना के अनुरोध की ओर दिलाया। इसके साथ-साथ उन्होंने केंद्रीय मंत्री से क्षेत्रीय रिंग रोड के पास एक नया इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पार्क स्थापित करने का अनुरोध भी किया। सीएमओ ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री के अनुरोधों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।

रेल मंत्री से नई परियोजनाओं को मंजूरी देने का आग्रह

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से तेलंगाना में रेल संपर्क बढ़ाने के लिए नई परियोजनाओं को अनुमति देने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि हैदराबाद क्षेत्रीय रिंग रोड के समानांतर एक क्षेत्रीय रिंग रेल परियोजना प्रस्ताव केंद्र पास भेजा गया है और रेलवे बोर्ड ने इसके लिए फायलन लोकेशन सर्वे की अनुमति दे दी है। उन्होंने 8 हज़ार करोड़ की लागत से निर्मित होने वाली इस क्षेत्रीय रिंग रेल परियोजना को जल्द ही अनुमति देने का अनुरोध किया।

रेवंत रेड्डी ने बताया कि क्षेत्रीय रिंग रेल से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संपर्क में सुधार आयेगा और हैदराबाद शहर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यातायात की भीड़कम होगी। यह परियोजना ग्रामीण गरीबी को कम करेगी और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में सुधार करेगी। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय मंत्री से हैदराबाद ड्राई पोर्ट से बंदर बंदरगाह तक एक रेलवे लाइन को मंजूरी देने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि इस मार्ग से दवाओं, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्यात में मदद मिलेगी।

काजीपेट डिवीजन और नई रेलवे लाइनों की मांग

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से राज्य में रेलवे संचालन को और अधिक कुशलता से प्रबंधित करने के लिए काजीपेट रेलवे डिवीजन स्थापित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यात्रियों को सुरक्षित और तेज सेवाएं प्रदान करने के लिए काजीपेट रेलवे डिवीजन की स्थापना की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने तेलंगाना के विभिन्न क्षेत्रों की कनेक्टिविटी, औद्योगिक और कृषि निर्यात और आयात के लिए पिछड़े क्षेत्रों के विकास हेतु नई रेलवे लाइन मंजूर करने का अनुरोध किया।

इसके तहत उन्होंने विकाराबाद-कृष्णा (122 किमी- अनुमानित लागत 2,677 करोड़), कलवाकुर्ती-माचेर्ला (100 किमी- अनुमानित लागत 2 हजार करोड़), डोर्नाकल-गदवाल (296 किमी- अनुमानित लागत 6,512 करोड़), दोर्नाकल-मिर्यालगुड़ा (97 किमी- अनुमानित लागत 2,184 करोड़) मार्गों को रेलवे की शत प्रतिशत लागत पर मंजूरी देने का अनुरोध किया।

बैठक में सांसद बलराम नायक, चामला किरण कुमार रेड्डी, कुंदुरु रघुवीर रेड्डी, रघुराम रेड्डी, सुरेश शेटकार, उद्योग विशेष प्रधान सचिव संजय कुमार, आरएंडबी के विशेष प्रधान सचिव विकास राज, केंद्र सरकार की योजनाओं के समन्वय सचिव गौरव उप्पल और अन्य ने भाग लिया।

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