सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील ने तोड़ी चुप्पी


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास करने वाले निलंबित अधिवक्ता राकेश किशोर ने पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने दो टूक कहा कि मैं डरा हुआ नहीं हूं और जो हुआ उसका मुझे कोई पछतावा नहीं है। सोमवार को ये पूरा घटनाक्रम सामने आया था, जब सुप्रीम कोर्ट में एक मामले पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राकेश किशोर ने हंगामा कर दिया। आरोप है कि इसी दौरान 71 वर्षीय वकील ने सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश भी की। इस मामले की सभी दलों ने निंदा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने सीजेआई गवई से बात की है। उन पर हमले से हर भारतीय नाराज है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इसे संविधान पर हमला बताया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले पर हंगामा लगातार जारी है। सीजेआई की अदालत में जिस तरह से ये घटनाक्रम हुआ उसके बाद भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) ने आरोपी अधिवक्ता राकेश किशोर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।
वहीं निलंबित वकील राकेश किशोर ने मंगलवार पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि ’16 सितंबर को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। उस मामले में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने जो बात कही उससे मैं बहुत आहत हुआ। उन्होंने पहले तो मजाक उड़ाते हुए कहा कि जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो और उसे अपना सिर वापस लगाने के लिए कहो। जब हमारे सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला आता है, तो सर्वोच्च न्यायालय ऐसे आदेश पारित करता है।’

सोशल मीडिया पर बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं
राकेश किशोर ने कहा कि हम देखते हैं यही चीफ जस्टिस बहुत सारे धर्मों के खिलाफ जो दूसरे समुदाय के लोग हैं, आप सब जानते हैं वो लोग कौन हैं, उनके खिलाफ कोई केस आता है तो बड़े-बड़े स्टेप लेते हैं। जैसे मैं उदाहरण देता हूं कि हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर एक विशेष समुदाय का कब्जा है, जब उसको हटाने की कोशिश की गई तो सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया जो आज तक लगा हुआ है। ऐसे ही नूपूर शर्मा का मामला आया तो कोर्ट ने कह दिया कि आपने मामला खराब कर दिया। ये सब जो रोक लगाते हैं वो बिल्कुल ठीक है।
राकेश किशोर ने आगे कहा, ‘याचिकाकर्ता को राहत न दें, लेकिन उसका मजाक भी न उड़ाएं। न तो मुझे चोट लगी थी और न ही मैं नशे में ही था। यह उनकी हरकत पर मेरी प्रतिक्रिया थी। मैं डरा हुआ नहीं हूं। जो हुआ उसका मुझे कोई पछतावा नहीं है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में एक मामले पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राकेश किशोर ने सोमवार को सीजेआई बीआर गवई की कोर्ट में हंगामा किया। आरोप है कि 71 वर्षीय वकील ने भारत के प्रधान न्यायाधीश की ओर कथित तौर पर जूता उछालने की कोशिश की। उन्होंने कोर्ट में नारे भी लगाए।(भाषा)
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