महिंद्रा विश्वविद्यालय का साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी के साथ करार, छात्रों के लिए खुलेंगे वैश्विक शोध और नवाचार के द्वार

हैदराबाद, महिंद्रा विश्वविद्यालय द्वारा आज यूके के साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के साथ समझौते ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना और नवाचार, संयुक्त अनुसंधान तथा व्यापक शैक्षणिक आदान-प्रदान के साथ वैश्विक शिक्षा के लिए नए रास्ते बनाना है।

जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, समझौते के तहत वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान, छात्रों और संकाय द्वारा पारस्परिक दौरे, संयुक्त अनुसंधान और विकास गतिविधियाँ, शैक्षणिक कार्यक्रमों में भागीदारी और प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरण के अवसरों की पहचान शामिल होगी। इस साझेदारी के एक भाग के रूप में दोनों विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से सहयोग के कार्यक्रम विकसित करेंगे। इनमें उन्नत अनुसंधान पहल, अंतविषयक शैक्षणिक गतिविधियाँ और वैश्विक वैज्ञानिक एवं शैक्षिक प्राथमिकताओं के साथ संरेखित पहल शामिल होंगी।

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जीवन विज्ञान और इंजीनियरिंग में उन्नत क्षमताओं पर फोकस

जानकारी देते हुए बताया गया कि यह रणनीतिक साझेदारी विभिन्न विषयों विशेष रूप से जीवन विज्ञान और इंजीनियरिंग में संस्थानों की क्षमताओं का लाभ उठाने के लिए डिजाइन की गई है। यह सहयोग न केवल संयुक्त अनुसंधान पहलों को गति देगा और संकाय गतिशीलता को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि छात्रों के लिए उन्नत प्रयोगशालाओं और वैश्विक अनुसंधान नेटवर्क तक पहुँच के अवसर भी पैदा करेगा।

महिंद्रा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. यजुलु मेदुरी ने कहा कि हम रणनीतिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार कर रहे हैं। हम बहु-विषयक शिक्षा के लिए एक अधिक विविध शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने, ज्ञान के आदान-प्रदान को सुगम बनाने और छात्रों को परस्पर जुड़ी दुनिया के लिए तैयार करने हेतु ऐसी साझेदारियों को बढ़ावा दे रहे हैं।

साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के असोसिएट डीन (अंतरराष्ट्रीय) प्रो. अमफतपाल मुधर ने कहा कि यह समझौता हमें अपनी क्षमताओं को संयोजित करने, कार्यक्रमों का सह-विकास करने और साथ मिलकर सार्थक अनुसंधान करने के लिए एक सुव्यवस्थित मार्ग प्रदान करेगा। इंजीनियरिंग और भौतिक विज्ञान संकाय के असोसिएट डीन (अंतरराष्ट्रीय) प्रो. गिल्बर्टो ब्राम्बिला ने कहा कि महिंद्रा विश्वविद्यालय के साथ हम इस समझौते को दोनों देशों के छात्रों, शोधकर्ताओं और उद्योग भागीदारों के लिए दीर्घकालिक मूल्य सफजन की एक आशाजनक शुरुआत के रूप में देखते हैं।

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