पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाए ‘मुस्लिम विभाजन के खिलाफ थे’: ओवैसी

हैदराबाद, ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने विभाजन को लेकर कहा कि एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में ‘मुस्लिम्स अगेंस्ट पार्टिशन’ (Muslims Against Partition) को भी जोड़ा जाना चाहिए.’ ओवैसी ने इस किताब को इसलिए शामिल करने के लिए कहा है क्योंकि उनके मुताबिक विभाजन के बारे में यह झूठ बार-बार बोला जाता है। AIMIM अध्यक्ष का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब NCERT में स्पेशल मॉड्यूल में विभाजन के लिए तीन लोगों को जिम्मेदार बताया हैI
ओवैसी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “शम्सुल इस्लाम की किताब ‘मुस्लिम्स अगेंस्ट पार्टिशन’ को NCERT में शामिल करें। विभाजन के बारे में यह झूठ बार-बार बोला जाता है। उस समय 2-3% मुसलमानों को भी वोट देने का हक नहीं था और आज लोग विभाजन के लिए हमें दोषी ठहराते हैं. हम इसके लिए कैसे जिम्मेदार हैं? जो यहां से भाग गए, वे भाग गए जो वफ़ादार थे, वे यहीं रहे।”
RSS को लेकर क्या बोले ओवैसी?
प्रधानमंत्री मोदी के जरिए स्वतंत्रता दिवस के भाषण में आरएसएस का उल्लेख करने पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,’यह हमारे स्वतंत्रता संग्राम का बहुत बड़ा अपमान हैI RSS अंग्रेजों से ज्यादा स्वतंत्रता सेनानियों से नफरत करता था आरएसएस ने हमेशा समावेशी राष्ट्रवाद का विरोध किया है. हिंदुत्व की विचारधारा भारत के संविधान के पूरी तरह खिलाफ है आरएसएस की शपथ एक ही समुदाय के धर्म, समाज और संस्कृति की बात करती हैI 1941 में जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंगाल कैबिनेट में मंत्री थे, तब फजलुल हक इसका नेतृत्व कर रहे थे, जिन्होंने 1940 के लाहौर अधिवेशन में मुस्लिम लीग का पाकिस्तान प्रस्ताव पेश किया था और आज प्रधानमंत्री उनके बारे में बात कर रहे हैं, हम दार्शनिक रूप से हमेशा से भाजपा के खिलाफ रहे हैं और रहेंगेI
विभाजन के लिए कौन-कौन जिम्मेदार?
NCERT के एक नए विशेष मॉड्यूल में भारत के विभाजन के लिए तीन लोगों को जिम्मेदार बताया गया है. जिनमें कांग्रेस नेतृत्व के नेता मुहम्मद अली जिन्ना और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन शामिल हैं। हर साल 14 अगस्त को मनाए जाने वाले ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के लिए तैयार किए गए इस मॉड्यूल में कहा गया है. इसके मुताबिक विभाजन के पहले जिम्मेदार जिन्ना थे, जिन्होंने इसकी मांग की; दूसरे- कांग्रेस, जिसने इसे स्वीकार किया और तीसरे- माउंटबेटन, जिन्होंने इसे लागू किया।’
विभाजन को लेकर नेहरू का भाषण
यह संदर्भ कक्षा 6 से 8 के लिए तैयार किए गए मॉड्यूल में ‘विभाजन के अपराधी’ शीर्षक वाले खंड में दिया गया है। इसके साथ ही इसमें जुलाई 1947 में जवाहरलाल नेहरू का एक भाषण भी है, जिसमें लिखा है,’हम एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां हमें या तो विभाजन को स्वीकार करना होगा या लगातार संघर्ष और अराजकता का सामना करना होगा. विभाजन बुरा है लेकिन एकता की कीमत चाहे जो भी हो, गृहयुद्ध की कीमत उससे कहीं ज़्यादा होगी।’
क्या कहते हैं NCERT के मॉड्यूल?
एनसीईआरटी ने दो अलग-अलग मॉड्यूल पब्लिश किए हैं। एक कक्षा 6 से 8 (मध्य स्तर) के लिए और दूसरा कक्षा 9 से 12 (माध्यमिक स्तर) के लिए। दोनों मॉड्यूल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2021 के संदेश से शुरू होते हैं, जिसमें विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का ऐलान किया गया है। एक्स पर उनके पोस्ट का हवाला देते हुए किताब में लिखा गया है,’विभाजन के दर्द को कभी नहीं भुलाया जा सकता। हमारे लाखों बहन-भाई विस्थापित हुए और कई लोगों ने नासमझ नफरत और हिंसा की वजह से अपनी जान गंवाई. हमारे लोगों के संघर्षों और बलिदानों की याद में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा।’
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