जिसके पास है भक्ति, उसे कोई ग्रह छू नहीं सकता : विनयश्रीजी

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हैदराबाद, जिसके पास साधना, आराधना भक्ति है, उसको कोई ग्रह नहीं छू सकता। उक्त उद्गार सिख छावनी स्थित श्री आनंद जैन भवन कोरा में श्री जैन श्रावक संघ कोरा के तत्वावधान में राजमतीश्रीजी म.सा. राजुल आदि ठाणा-3 के सान्निध्य में नव ग्रह जाप की महत्ता बताते हुए विनयश्रीजी म.सा. ने व्यक्त किये। मंत्री अनिल तातेड़ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, विनयश्रीजी म.सा. ने कहा कि नव ग्रह में 7वाँ शनि ग्रह का जाप है।

यह वह ग्रह है, जो हर पीड़ा को कष्टदायक बनाता है। शनि ग्रह कुंडली में प्रथम ग्रह में आता है, जहाँ से जन्म कुंडली प्रारंभ होती है। अगर उस जगह पर शनि है, तो जीव वैराग्य को प्राप्त करता है, संसार का त्याग करता है। वही शनि कुंडली दूसरे ग्रह में जाता है, तो जीवन में उथल पुथल होती है। शनि से हर व्यक्ति डरता है। शनि किसी को नहीं छोड़ता। शनि हमारी राशि में ढाई वर्ष रहता है, तो उसी समय में साढ़े साती भी आती है।

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शनि ग्रह प्रभाव और ओली तप आराधना लाभार्थी जानकारी

बाकी ग्रह जल्द चलने वाले होते हैं, लेकिन शनि ढाई वर्ष कुंडली में रहता है। इसकी चाल बहुत ही धीमी होती है। म.सा. ने कहा कि शनि का जब प्रभाव हमारे ऊपर पड़ता है, तो कनपटी की नसों का दर्द शुरू होती और इसका रूप, दृष्टि, बाल, भौंहों पर डेरा ज्यादा रहता है। अचानक सिर की नसे, पैरों में दर्द होता है, हड्डियाँ कमजोर होती हैं और जोड़ों में दर्द, श्वास में कमी आती है। कभी-कभी शनि एक कुदृष्टि से व्यापार व परिवार में कष्ट आने लगते हैं।

शनि जिसे लग जाता है, उसकी हालत खराब हो जाती है। म.सा. ने कहा कि यदि शनि की शुभ दृष्टि हो, तो वह उन्नति की ओर ले जाता है, जीवन को सफलता की ओर ले जाता है। मार्ग में कहीं जा रहे हैं और शनि का मंदिर आये, तो उनके नेत्रों को न देखें, बल्कि चरणों में नजर रखें। शनि की आँखों में आँखें डालकर नहीं देखना चाहिए, बाकी देवताओं की आँखें में देख सकते हैं, क्योंकि शनि की कुदृष्टि जिसके ऊपर पड़ जाती है, उसका जीवन बेकार हो जाता है।

शनि के चरणों में देखते हुए जीवन में कुदृष्टि हटाकर शुभ दृष्टि की प्रार्थना करेंगे, तो जीवन में शुभ होना प्रारंभ होगा। मंच संचालन करते हुए महामंत्री गौतमचंद मुथा ने बताया कि सोमवार, 29 सितंबर से ओली तप की आराधना शुरू होगी। प्रभावना के लाभार्थी शांतिलाल गौतमचंद विनोद कुमार प्रमोद कुमार अनिल कुमार वैभव अक्षय आदर्श हर्ष दिव्यान श्रीश्रीमाल परिवार, शोभा देवी कुशाल चंद शेरमल ऋषभ तातेड़ परिवार एवं गौतमचंद प्रसन्नराज हेमंतराज विकास मुथा परिवार रहे। लक्की ड्रॉ पुरस्कार के लाभार्थी श्री वर्धमान महिला मण्डल रहे।

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