
हैदराबाद, भाव शुद्ध होना, उज्जवल होना चाहिए। भाव ही हमारे भव को कम बनाता है। भाव बिगड़ता है, तो भव बिगड़ा। भव को बढ़ाने और घटाने वाले हम ही हैं। उक्त उद्गार सिख छावनी स्थित श्री आनंद जैन भवन कोरा में श्री जैन श्रावक संघ कोरा के तत्वावधान में आयोजित प्रवचन सभा में राजमतीश्रीजी म.सा. राजुल ने व्यक्त किये। महामंत्री गौतमचंद मुणोत द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पूज्यश्री ने कहा कि महापुरुषों के गुणगाण करने से अशुभ कर्म नष्ट होते हैं।
त्यागी महापुरुष के गुणगान करने से पाप का निसार होता है। जैसे गंदे पानी में कपड़े धोने से वह कभी साफ नहीं होते, उसके लिए स्वच्छ जल चाहिए, वैसे ही जीव को भीतर के मैल को दूर करने के लिए महापुरुषों के गुणगान करना चाहिए। इससे अशुभ कर्म नष्ट होते हैं और भाव शुद्ध होते हैं। कितना भी पाप कर लें, महान पुरुषों के गुणगान करने से यह नष्ट होंगे।
म.सा. ने कहा कि सच्चा गुरु शिष्य को अंधकार से बाहर लाता है। कर्मों को तोड़ना है, तो बाहर का उजाला नहीं, भीतर का उजाला होना चाहिए।
गुरु समय-समय पर सावधान कर कहते हैं कि अपने आपको पहचानो। गुरु एक बार नहीं सौ बार समझाते हैं। जब तक भीतर का लोभ, माया, क्रोध, मान, राग द्वेष, प्रमाद, आलस और मेरा तेरा का कचरा खोपड़ी से नहीं निकलेगा, तब तक गुरु की बात दिमाग में बैठने वाली नहीं है। खोपड़ी के कचरे को निकालने के लिए गुरु सही मार्ग और हितकर उपदेश देते हैं।जो व्यक्ति अपने गुरु का बात नहीं मानता, वह मर कर नरक या तिर्यंच में जाता है।
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अमावस्या पर गुरु उपदेश और अन्नदान कार्यक्रम
गुरु की अवहेलना कभी न करें, उनके विरुद्ध कभी न जाएँ। म.सा. ने कहा कि मनुष्य भव मिला है, तो धर्म, त्याग, तप से दूर न रहें। यदि धर्म नहीं करेगा, तो पंचम आरा में यातना को भुगतना पड़ेगा। उसके बाद छठे आरे में जन्म लेना होगा। व्यक्ति अपने तप, त्याग भाव को सुधारे। जीवन में गुरु बनाना जरूरी। गुरु कहे वैसा करना जरूरी है। गुरु की आज्ञा में रहें, तो आत्मा का कल्याण होगा और जीवन भी सार्थक बन जाएगा। गुरु का जितना गुणगान करें कम है।
मंच संचालन करते हुए महामंत्री गौतमचंद मुथा ने सभी का स्वागत अभिनंदन किया। गणेशलालजी म.सा. का जाप किया गया। सोमवार, 22 सितंबर को नवग्रह जाप सजोड़े जैन विधि से सुबह 9.15 से 10.15 तक किया जाएगा। श्री आनन्द जैन भवन के समक्ष श्री वर्धमान महिला मंडल के तत्वावधान में भोजन प्रसादी का वितरण किया गया। इसके लाभार्थी सरला कंवर गौतमचंद हेमंत राज विकास मुथा परिवार थे।
व्यवस्था में श्री वर्धमान महिला मंडल की समस्या गौतमचंद श्रीश्रीमाल, गौतमचंद मुथा, सुशील मुथा, नीरज जैन, हेमंत, दीपक, विकास ने सहयोग दिया। आज की प्रभावना के लाभार्थी सोहनलाल अशोक कुमार ध्रुव कुमार तातेड़ परिवार रहे। अमावस्या के उपलक्ष्य में मुथा परिवार की ओर से अन्नदान का आयोजन किया गया।
