प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लोबल साउथ के लिए भारत के महासागर दृष्टिकोण की घोषणा की


पोर्ट लुइस, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्लोबल साउथ की सुरक्षा और विकास के लिए मॉरीशस से भारत के एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण की घोषणा की। यह घोषणा क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के चीन के अथक प्रयासों की पृष्ठभूमि में की गई है।
पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ के लिए महासागर दृष्टिकोण पेश किया
इससे पहले मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने भारत और मॉरीशस के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किे। दोनोें पक्षों के बीच समुद्री सुरक्षा, राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार और दक्षता विकास सहित विभिन्न क्षेत्रोें में सहयोग के लिए आठ समझौते हुए।
इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया को दिए बयान में घोषणा की कि ग्लोबल साउथ के लिए भारत का नया दृष्टिकोण – महासागर एमएएचएएसएजीएआर यानी क्षेत्रोें में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति म्यूचुअल एंड होलिस्टिक एडवांस्मेंट फॉर सिवÌयोरिटी एंड ग्रोथ रीजन्स होगा जो विकास एवं सुरक्षा लाएगा।

वैश्विक समुद्री साझेदारी को बढ़ावा देने की भारत की नई पहल
मॉरीशस की अपनी यात्रा के दूसरे और अंतिम दिन कहा, ग्लोबल साउथ के लिए हमारा दृष्टिकोण होगा Iमहासागर यानी क्षेत्रोें में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति।
ग्लोबल साउथ शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारा दृष्टिकोण विकास के लिए व्यापार, सतत उन्नति के लिए दक्षता विकास और साझा भविष्य के लिए आपसी सुरक्षा पर केंद्रित है।
मोदी ने मॉरीशस को भारत का एक अहम साझेदार बताया। क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास- सागर की भारत की परिकल्पना की नींव कैसे 10 साल पहले मॉरीशस में रखी गई थी।
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