दबाव की राज ‘नीति’, बीसी आरक्षण के लिए चलो दिल्ली
हैदराबाद, राज्य मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति से स्थानीय निकायों तथा शिक्षा व रोज़गार के क्षेत्रों में बीसी वर्ग को 42 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले विधेयकों को तत्काल स्वीकृति देने का आग्रह करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सीएम रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में आगामी 5, 6 व 7 अगस्त को नई दिल्ली यात्रा पर जाने का निर्णय लिया गया है। ज्ञातव्य है कि बीसी को 42 प्रतिशत आरक्षण देने से संबंधित दो विधेयक वर्तमान में राष्ट्रपति के पास लंबित हैं। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में संपन्न मंत्रिमंडल की बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक के पश्चात बीसी कल्याण मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने अन्य मंत्री कोंडा सुरेखा व वी. श्रीहरी के साथ संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोकसभा व राज्यसभा में विपक्षी नेताओं व सीएम रेवंत रेड्डी तथा देशभर में कांग्रेस पार्टी के सांसद राष्ट्रपति के पास जाएंगे। राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा जा रहा है। उन्होंने बीसी आरक्षण के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे जाति संघों तथा सभी राजनीतिक दलों से भी दिल्ली आने का आह्वान किया।
मंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालय ने स्थानीय चुनावों का आयोजन करने के लिए समय सीमा तय की है और इससे संबंधित दो विधेयक वर्तमान में राष्ट्रपति के पास लंबित हैं। इस परिप्रेक्ष्य में मंत्रिमंडल ने दिल्ली जाकर राष्ट्रपति से विधेयकों को स्वीकृति देने का आग्रह करने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस म़ौके पर जातिगत जनगणना से लेकर स्थानीय निकायों तथा शिक्षा व रोज़गार क्षेत्रों में बीसी वर्गों को 42 प्रतिशत आरक्षण देने से संबंधित दो विधेयक बनाने तथा विधानसभा में पारित कर राज्यपाल के पास भेजने से संबंधित घटनाक्रम का विवरण दिया।
राजनीतिक प्रतिबद्धता और अगली रणनीति का ऐलान
मंत्री ने आरोप लगाया कि विधेयकों को असेंबली में पारित करने में सहयोग देने वाले राजनीतिक दल दिल्ली में सहयोग नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार को राजनीतिक रूप से बदनाम करने का कोशिश की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी के ख़िलाफ नहीं है। केवल बीसी वर्गों को आरक्षण के लिए ही किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में प्रदेश भाजपा के पास 5 बीसी सांसद हैं और इस विधेयक को स्वीकृति दिलाने की जिम्मेदारी उन पर ही है।
विधेयक को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृति नहीं किए जाने की सूरत में अगले कदम के बारे में पूछे गए सवाल के उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि हम सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद से दिल्ली जाएंगे। अगर स्वीकृति नहीं दी गयी, तो हमारी रणनीति के अनुसार अगला कदम उठाया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि पिछली सरकार ने स्थानीय चुनावों में आरक्षण को 50 प्रतिशत तक सीमित करते हुए पंचायती राज कानून में संशोधन किया था।
हमारी सरकार ने इसका संशोधन कर संबंधित अध्यादेश राज्यपाल के पास भेजा और वह भी फिलहाल लंबित है। उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि इस पर राज्यपाल से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी। इस अवसर पर पोन्नम प्रभाकर ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सभी हमारे नेता राहुल गांधी द्वारा बीसी को 42 प्रतिशत आरक्षण के बारे में दिए गए वादे के प्रति प्रतिबद्ध हैं। देश भर में कांग्रेस के सहयोगी दलों के 100 से ज़्यादा सांसद, राज्यसभा सदस्य, हर विधायक, विधान पार्षद, सांसद और मंत्री राष्ट्रपति से मिलने दिल्ली जाएंगे।
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दिल्ली धरना, स्थगन प्रस्ताव और नीतिगत निर्णय
तेलंगाना के पिछड़े वर्ग के बुद्धिजीवियों, नेताओं और जाति समूहों को उसी तरह संघर्ष करना चाहिए जैसे तेलंगाना आंदोलन के लिए किया था। बीसी को 42 प्रतिशत आरक्षण मिलने वाले इस अवसर का उपयोग करने की जिम्मेदारी क्षेत्र स्तर पर सभी जाति समूहों, पिछड़े वर्गों और पिछड़े वर्ग के बुद्धिजीवियों पर है। राज्य के प्रत्येक पिछड़े वर्ग के लोगों को दिल्ली आना चाहिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली में संसद सत्र जारी रहने को देखते हुए मंत्रिमंडल ने बीसी आरक्षण विधेयकों को पारित करने में हो रही देरी के विरोध में 5 अगस्त को कांग्रेस सांसदों के माध्यम से सदन में स्थगन प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया है।
इसी प्रकार 6 अगस्त को राज्य के सभी मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों के साथ जंतर-मंतर पर धरना देने का भी निर्णय लिया गया है। इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में मेडिकल सीटों से संबंधित सरकारी आदेश 33 पर भी चर्चा हुई। हालांकि इस मुद्दे पर न्यायालय में सुनवाई जारी रहने के मद्देनजर मंत्रिमंडल ने राज्य के महाधिवक्ता से कानूनी सलाह लेने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राज नरसिम्हा को दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बैठक में सभी नगर निगमों में माइक्रो ब्रिवरीज की स्थापना को भी मंजूरी दी। माइक्रो विब्ररीज अधिनियम में कई संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार सीतारामा लिफ्ट परियोजना के संशोधित अनुमानों को हरी झंडी दिखायी गयी।
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