सरकार की अक्षमता के कारण रद्द हुई आरक्षण याचिका : कृष्णमोहन


हैदराबाद, प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में राज्य बीसी आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा नेता डॉ. वकुलाभरणम कृष्णमोहन राव ने कहा कि 42 प्रतिशत बीसी आरक्षण से संबंधित विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) का सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किया जाना राज्य सरकार की जल्दबाज़ी और अविवेकपूर्ण कदमों का प्रत्यक्ष परिणाम है।
कृष्णमोहन राव ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली का सम्मान करने और उच्च न्यायालय में ठोस जवाब प्रस्तुत करने के बजाय सरकार ने न्यायालयों को गुमराह करने का प्रयास कर अपनी अक्षमता को स्वयं उजागर कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए भाजपा पर आरोप लगा रही है, जबकि पार्टी ने हर स्तर पर बीसी आरक्षणों के समर्थन में स्पष्ट रुख और निरंतर संघर्ष किया है।
डॉ. राव ने कहा बीसी वर्गों के अधिकारों की रक्षा करना सरकार का प्रथम दायित्व है। इसे नज़रअंदाज़ कर भाजपा पर अनावश्यक हमले करना अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के इतिहास में पहली बार राष्ट्रीय जनगणना में जातिगत गणना की जा रही है, जो ऐतिहासिक कदम है। इसके विपरीत सात दशकों से अधिक समय तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी बीसी समुदायों के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी।

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ऐसी पार्टी द्वारा भाजपा की आलोचना करना वैसा ही है, जैसे शैतान वेद पढ़ाए। उन्होंने कहा कि यदि रेवंत रेड्डी सरकार वास्तव में बीसी विकास के प्रति ईमानदार है, तो उसे 42 प्रतिशत आरक्षण को कानूनी रूप से टिकाऊ बनाने, शिक्षा, रोजगार तथा स्थानीय निकाय चुनावों में लागू करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
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