एससीबी एलिवेटेड कॉरिडोर के कारण 10,000 पेड़ों पर मंडराया खतरा
हैदराबाद, सिकंदराबाद कंटोनमेंट इलाकों में हरियाली का एक बड़ा हिस्सा गायब हो सकता है, क्योंकि प्रस्तावित दो एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने के लिए दशकों पुराने पेड़ों को काटा जाएगा। तेलंगाना फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट जी रामलिंगम की अगुवाई में छह सदस्यों वाली ट्री प्रोटेक्शन कमेटी ने सिकंदराबाद कैंटोनमेंट में दो एलिवेटेड कॉरिडोर का निरीक्षण किया और पेड़ों की गिनती की।
ट्री प्रोटेक्शन कमेटी के अलावा, हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी, सिकंदराबाद कैंटोनमेंट बोर्ड और डिफेंस एस्टेट ऑफिस, तेलंगाना सर्कल सहित दूसरे स्टेकहोल्डर्स ने नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट को आसान बनाने के लिए प्रभावित पेड़ों की गिनती में हिस्सा लिया।
एचएमडीए अर्बन फॉरेस्ट विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने में 10,500 से ज़्यादा पेड़ प्रभावित होगे। इनमें से 4,200 पेड़ों को सिकंदराबाद कैंटोनमेंट एरिया में ही दूसरी जगह लगाया जाएगा। बाकी 3,300 पेड़ काटे जाएंगे।
पैराडाइज सर्कल और स्टेट हाईवे-1 पर 3,500 पेड़ों की पहचान
नेशनल हाईवे 44 पर बन रहे पैराडाइज सर्कल से डेयरी फार्म (सुचित्रा जंक्शन) कॉरिडोर पर पेड़ बचाने वाली कमेटी ने रास्ते के दोनों तरफ 2,000 पेड़ों की पहचान की। साथ ही स्टेट हाईवे-1 (राजीव राहदारी) पर जिमखाना ग्राउंड और हकीमपेट एयर फोर्स स्टेशन के बीच दूसरे एलिवेटेड कॉरिडोर के रास्ते के किनारे 1,500 पेड़ों की पहचान की गई है।
एचएमडीए अधिकारी ने कहा कि बाकी पेड़ों की पहचान बाइसन पोलो ग्राउंड, जिमखाना ग्राउंड, एससीबी प्रॉपर्टी, प्राइवेट प्रॉपर्टी और डिफेंस और कैंटोनमेंट की खुली ज़मीन के हिस्सों जैसी अलग-अलग जगहों पर की गई। पेड़ बचाने वाली कमिटी की मंज़ूरी के बाद सिकंदराबाद कैंटोनमेंट में हाल ही में पेड़ काटने या दूसरी जगह लगाने का काम शुरू हुआ।
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अधिकारी ने बताया कि पेड़ों की उम्र 50 से पांच साल के बीच है। एचएमडीए के अर्बन फॉरेस्ट विंग के डायरेक्टर, वीएसएनवी प्रसाद ने कहा कि कैंटोनमेंट में मुख्य इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए खत्म हो रही हरियाली के बड़े हिस्से को ध्यान में रखते हुए एचएमडीए ने नुकसान को कम करने और इकोलॉजिकल बैलेंस को ठीक करने के लिए 20,000 पौधे लगाने का फैसला किया है।
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