रिश्तों में मिठास,भारत-चीन विवादों को सुलझाने के लिये आगे बढ़ने पर सहमत

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कजान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने करीब पाँच वर्षों में अपनी पहली द्विपक्षीय वार्ता में बुधवार को सहमति जताई कि समझदारी एवं परस्पर सम्मान प्रदर्शित कर भारत और चीन के शांतिपूर्ण एवं स्थिर संबंध हो सकते हैं तथा दोनें नेताओं ने पूर्वी लद्दाख विवाद के समाधान के लिए हुए समझौते का समर्थन किया।

बैक में मोदी ने मतभेदों और विवादों को उपयुक्त रूप से निपटाने तथा इन्हें शांति एवं स्थिरता को प्रभावित नही करने देने के महत्व को रेखांकित किया। मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत-चीन संबंध दोनें देशों के लोगें और क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति व स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि परस्पर विश्वास, परस्पर सम्मान और परस्पर संवेदनशीलता द्विपक्षीय संबंधों को राह दिखाएँगे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस वार्ता में कहा कि दोनें नेताओं ने उल्लेख किया कि भारत-चीन सीमा विवाद मुद्दे का हल करने और सीमावर्ती इलाकों में शांति व स्थिरता बरकरार रखने के लिए विशेष प्रतिनिधियें को एक अहम भूमिका निभानी होगी।

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मोदी और शी ने विशेष प्रतिनिधियें को शीघ्र बैक करने और अपने प्रयास जारी रखने के निर्देश दिए। मिस्री ने कहा कि हम विशेष प्रतिनिधियें की अगली बैक एक उपयुक्त समय पर होने की उम्मीद कर रहे हैं।विदेश सचिव ने कहा कि मोदी और शी ने द्विपक्षीय संबंधों की रणनीतिक एवं दीर्घकालिक दृष्टिकोण से समीक्षा की तथा उनका मानना है कि दोनें देशों के बीच स्थिर संबंध का क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति और समृद्धि पर सकारात्मक असर पड़ेगा। मिस्री ने कहा कि मोदी और शी, दोनें ने इस बात पर जोर दिया कि परिपक्वता और समझदारी के साथ तथा एक-दूसरे का सम्मान कर भारत और चीन के बीच शांतिपूर्ण और स्थिर संबंध हो सकते हैं। (भाषा)

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