एआई से नौकरियाँ खत्म होने की बात केवल मिथक : श्रीधर बाबू

हैदराबाद, आईटी एवं उद्योग मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने कहा कि सरकार तेलंगाना को भारत की कौशल राजधानी बनाने का लक्ष्य रखती है। उद्योगों के साथ साझेदारी में तेलंगाना के युवाओं को एआई, मशीन लर्निंग और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में सर्वोत्तम कौशल के साथ मानव संसाधन के रूप में विकसित करने हेतु व्यापक रोडमैप तैयार किया जा रहा है।

उद्योग मंत्री श्रीधर बाबू ने गच्ची बावली स्थित भारतीय इंजीनियरिंग स्टाफ कॉलेज (ईएसआईसी) में आयोजित आईटी/आईटीईएस क्षेत्र और एआई में डिजिटल टेक्नोलॉजीज हैकाथन का औपचारिक उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि तकनीक दिन-प्रतिदिन तेज़ी से बदल रही है। अगर हम इन बदलावों को अपनाएँ, तो ही हमारा भविष्य उज्ज्वल हो सकता है। उन्होंने कहा कि दो वर्षों के भीतर 40 प्रतिशत से अधिक अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने जनरेटिव एआई को मुख्य कार्य का हिस्सा बना लिया है।

एआई नौकरियाँ खत्म नहीं करेगा, बल्कि स्वरूप में बदलाव लाएगा

श्रीधर बाबू ने कहा कि एआई के कारण नौकरियाँ खत्म हो जाएँगी यह एक मिथक है। केवल नौकरियों की प्रकृति में बदलाव आ रहा है। विश्व आर्थिक मंच ने निष्कर्ष निकाला है कि यदि स्वचालन के कारण 8.5 करोड़ नौकरियाँ खत्म होंगी, वहीं 9.7 करोड़ नए कौशल-आधारित रोज़गार उपलब्ध होंगे। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि संकट के साथ नए अवसर भी आएँगे और उन्हें इसके लिए तैयार रहना चाहिए। एक ओर साइबर अपराध दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एथिकल हैकर्स और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की माँग बढ़ रही है।

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जलवायु परिवर्तन के कारण स्वच्छ तकनीक, इलेक्ट्रिक वाहन और हरित नवाचार के क्षेत्र में अवसर बढ़ रहे हैं। इस डिजिटल युग में नौकरियाँ केवल शैक्षणिक डिग्रियों से नहीं आएँगी, बल्कि नवाचार, समस्या समाधान और व्यावहारिक कौशल से ही सफलता संभव है।

श्रीधर बाबू ने कहा कि तेलंगाना सरकार केवल भविष्य की कल्पना ही नहीं कर रही, बल्कि उसके लिए आवश्यक कौशल पारिस्थितिकी तंत्र भी तैयार कर रही है। बाजार और उद्योगों की ज़रूरतों के अनुसार काम करने के लिए बल तैयार करने की ज़िम्मेदारी उनके कंधों पर है। कार्यक्रम में ईएसआईसी निदेशक डॉ. रामेश्वर राव व अन्य ने भाग लिया।

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