तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक संबंधी नयी याचिका पर सुनवाई करेगा अमेरिकी उच्चतम न्यायालय

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न्यूयॉर्क, अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश अगले महीने मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की नयी याचिका पर सुनवाई करेंगे, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया है।

यह याचिका चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स के समक्ष दायर की गई है। 64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक राणा लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है। वह 26/11 मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी रह चुका है।

तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण रोकने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा

राणा ने अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के एसोसिएट जस्टिस और नाइन्थ सर्किट के सर्किट जस्टिस एलेना कागन के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के लंबित मुकदमे पर रोक लगाने के लिए आपात आवेदन प्रस्तुत किया था।

इस महीने की शुरुआत में कागन ने आवेदन अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद राणा ने पहले न्यायमूर्ति कागन के समक्ष पेश बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के लंबित मुकदमे पर रोक लगाने संबंधी अपनी आपात अर्जी नवीनीकृत की और इसे चीफ जस्टिस रॉबर्ट्स के समक्ष पेश किे जाने का अनुरोध किया।

उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित एक आदेश में कहा गया है कि राणा के नवीनीकृत आवेदन पर सुनवाई के लिए चार अप्रैल 2025 की तारीख तय की गई है और आवेदन को न्यायालय को भेजा गया है।

राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यर्पण पर रोक की अपील की

न्यूयॉर्क के प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने पीटीआई को बताया कि राणा ने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय में आवेदन दिया था। इस आवेदन को न्यायमूर्ति कागन ने छह मार्च को खारिज कर दिया था।उन्होंने कहा कि यह आवेदन अब चीफ जस्टिस रॉबर्ट्स के समक्ष है, जिन्होंने इसे न्यायालय के साथ साझा किया है ताकि पूरे न्यायालय के दृष्टिकोण का उपयोग किया जा सके।

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बत्रा ने कहा कि उन्हेें पूरी उम्मीद है कि चीफ जस्टिस रॉबर्ट्स, राणा को अमेरिका में रहने और भारत में न्याय का सामना करने से बचने के अधिकार से वंचित करने का फैसला सुनोेंगे।

26/11 केस: तहव्वुर राणा की याचिका पर 4 अप्रैल को सुनवाई

उन्होंने कहा, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओवल ऑफिस में मुलाकात के बाद, राष्ट्रपति ट्रंप ने संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की थी कि तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा।

    अपनी आपात अर्जी में राणा ने मुकदमा लंबित रहने तक भारत के समक्ष आत्मसमर्पण और अपने प्रत्यर्पण पर 13 फरवरी की याचिका के गुण-दोष के आधार पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।

    उस याचिका में राणा ने तर्क दिया था कि उसे भारत प्रत्यर्पित किया जाना अमेरिकी कानून और यातना के विरुद्ध संयुवÌत राष्ट्र कन्वेंशन का उल्लंघन है,वÌयोंकि यह मानने के पर्याप्त आधार हैं कि यदि उसे भारत प्रत्यर्पित किया गया तो याचिकाकर्ता को यातना दिए जाने का खतरा होगा।

    याचिका में कहा गया, इस मामले में प्रताडि़त किे जाने की संभावना और भी अधिक है वÌयोंकि याचिकाकर्ता मुंबई हमलों में आरोपी पाकिस्तानी मूल का एक मुस्लिम है। याचिका में यह भी कहा गया है कि उसकी गंभीर चिकित्सा स्थिति के कारण उसे भारतीय हिरासत केंद्रों में प्रत्यर्पित करना वास्तव में मौत की सजा के समान होगा। (भाषा)

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