सुप्रीम फैसले का असर, राजनीतिक दल उलझन में, जानिए किस राज्य में कैसी स्थिति
आरक्षित वर्ग अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को कोटे के भीतर कोटा देने और क्रीमी लेयर का आरक्षण समाप्त करने के सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद राजनीतिक दलों की उलझनें बढ़ गई हैं। फैसला सामने आने के 24 घंटे बाद भी वे यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि इसका स्वागत करें या विरोध। सूत्रों का कहना है कि भाजपा की नजर, दलित वर्ग से इस फैसले पर आ रही प्रतिक्रियाओं पर है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी फैसले पर चुप्पी साध ली है।राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि फैसला लागू होने के बाद पार्टियों को ‘अग्निपथ’ पर चलना होगा। राज्यों में एससी-एसटी वर्ग का नया नेतृत्व सामने आएगा और एक नई राजनीति का उभार भी देखने को मिल सकता है। पार्टियां फैसले का बारीकी से अध्ययन कर पता लगा रही हैं कि इसका उनकी भावी राजनीति पर क्या असर होगा।