आईएलओ की 353वीं शासी निकाय बैठक में भारत की प्रतिभागिता


स्विट्जरलैंड -अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की 353वीं शासी निकाय की बैठक इन दिनों स्विट्जरलैंड के जिनेवा में आयोजित हो रही है। 20 मार्च तक चलने वाली इस बैठक में आईएलओ के त्रिपक्षीय घटकों यानी सरकारों, श्रमिकों और नियोक्ताओं के प्रतिनिधि कामकाज की दुनिया एवं आईएलओ के शासन से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आए हैं।
भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वैश्विक स्तर पर श्रम कल्याण, सामाजिक न्याय और गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के साझा एजेंडे को आगे बढ़ाने की दिशा में भारत की उपलब्धियों, सीखों और दृष्टिकोणों को दर्शाते हुए प्रमुख मुद्दों पर सार्थक हस्तक्षेप किए।
भारत ने वैश्विक सहयोग के प्रति अपना समर्थन दोहराया
भारत ने इस वर्ष के अंत में कतर के दोहा में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में सामाजिक विकास हेतु द्वितीय वैश्विक शिखर सम्मेलन के आयोजन के संबंध आईएलओ के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया, क्योंकि इस आयोजन का उद्देश्य सामाजिक विकास के लिए 2030 एजेंडा के सामाजिक आयाम को सुदृढ़ करना है। सामाजिक न्याय और विकास को बढ़ावा देने में भारत की प्रेरक प्रगति पर प्रकाश डाला गया, क्योंकि भारत ने अपने सामाजिक सुरक्षा कवरेज को दोगुना करके 48.8 प्रतिशत कर दिया है, जिससे औसत वैश्विक सामाजिक सुरक्षा कवरेज में 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।

इस संदर्भ में, भारत की प्रमुख संस्थाओं और योजनाओं जैसे ईपीएफओ (7.37 करोड़ योगदानकर्ता सदस्य), ईएसआईसी (14.4 करोड़ लाभार्थी), ई-श्रम पोर्टल (30.6 करोड़ पंजीकृत असंगठित सदस्य), पीएम जन आरोग्य योजना (60 करोड़ लाभार्थी) और लक्षित पीडीएस (81.35 करोड़ लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा) के योगदानों को स्वीकार किया गया।
प्रवासी श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा एवं अधिकारों को सुनिश्चित करने पर बल
प्रवासी श्रमिकों के सबसे बड़े मूल देशों में से एक और सबसे अधिक धन प्रेषण प्राप्त करने वाले देश के रूप में भारत ने सुव्यवस्थित, कौशल-आधारित प्रवास मार्गों को बढ़ावा देने में अधिक वैश्विक सहयोग के प्रति अपना समर्थन दोहराया। आईएलओ से द्विपक्षीय श्रम प्रवास और सामाजिक सुरक्षा समझौतों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा एवं अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए वैश्विक स्तर पर तेजी लाने के संबंधित प्रयासों को बढ़ाने का आग्रह किया गया। वैश्विक गठबंधन के एक प्रमुख भागीदार के रूप में भारत द्वारा आईएलओ आधारित सामाजिक न्याय के लिए वैश्विक गठबंधन के तहत प्रवासन पर पहला त्रिपक्षीय वैश्विक मंच आयोजित करने के आईएलओ के प्रस्ताव का समर्थन किया गया।
भारत ने रसायनों व कचरे से होने वाले नुकसान से पृथ्वी को मुक्त करने और श्रमिकों, समुदायों एवं पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अग्रणी भूमिका निभाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। बॉन घोषणा के अनुसरण के क्रम में आईएलओ द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की गई।

भारत द्वारा कारखाना अधिनियम, 1948 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कामकाज की स्थिति संहिता, 2020 सहित श्रमिकों व समुदायों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की संरक्षा हेतु की गई प्रमुख पहलों को रेखांकित किया गया। बड़ी दुर्घटना संबंधी जोखिम (एमएएच) वल्ली इकाइयों में कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में विकसित भारत 2047 कार्य योजना के तहत क्षमता निर्माण उपायों पर प्रकाश डाला गया।

आईएलओ के महानिदेशक के साथ द्विपक्षीय चर्चा
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आईएलओ के महानिदेशक एवं वरिष्ठ विशेषज्ञों तथा भारत के लिए विशेष रुचि वाले श्रम एवं रोजगार मामलों पर अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ कई द्विपक्षीय चर्चाएं भी कीं।
सुमिता डावरा ने आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ. हुंगबो से मुलाकात की और उन्हें सामाजिक न्याय के लिए वैश्विक गठबंधन नामक उनकी प्रमुख पहल के लिए बधाई दी, जो सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने से संबंधित वैश्विक सहयोग के एक मजबूत मंच के रूप में उभरा है। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा कवरेज का आकलन करते समय आईएलओ द्वारा वस्तुगत लाभों पर विचार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।यह महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने भारत की सामाजिक सुरक्षा कवरेज का अधिक सटीक आकलन प्राप्त करने हेतु आईएलओ के सहयोग से राज्य विशिष्ट डेटा पूलिंग अभियान शुरू किया है।
वैश्विक गठबंधन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए भारत की सराहना
आईएलओ के महानिदेशक ने वैश्विक गठबंधन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए भारत की सराहना की, जिसमें गठबंधन के प्रमुख हस्तक्षेप “स्थायी और समावेशी समाजों के लिए जिम्मेदार व्यवसाय” को प्रोत्साहित किया गया और पिछले महीने नई दिल्ली में पहली बार “सामाजिक न्याय पर क्षेत्रीय वार्ता” का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। उन्होंने कहा इससे गठबंधन के अन्य देशों (भागीदारों) को गठबंधन के एजेंडे में अपना योगदान बढ़ाने की प्रेरणा मिली है। हुंगबो ने भारत को आगामी सामाजिक न्याय से संबंधित वार्षिक फोरम में सक्रिय रूप से भाग लेने और जिम्मेदार व्यावसायिक आचरण, जीवन-यापन के लिए उचित मजदूरी के भुगतान और सामाजिक रूप से कामकाज के न्यायपूर्ण भविष्य के लिए एआई का उपयोग करने के संदर्भ में भारतीय उद्योग की सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया।
महानिदेशक ने आईएलओ तथा ओईसीडी द्वारा व्यवसायों के अंतरराष्ट्रीय संदर्भ वर्गीकरण के विकास पर व्यवहार्यता अध्ययन करने के लिए आईएलओ को भारत द्वारा पहली बार स्वैच्छिक वित्तीय सहायता दिए जाने की भी सराहना की। भारत के नेतृत्व वाली यह पहल बेंचमार्किंग और कौशल एवं योग्यता की पारस्परिक मान्यता के माध्यम से भारतीय युवाओं के लिए वैश्विक रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने में मदद करेगी। अंतरराष्ट्रीय वर्गीकरण का विकास 2023 में जी20 की भारत की अध्यक्षता के तहत जी20 के सदस्य देशों के नेताओं द्वारा की गई एक ऐतिहासिक प्रतिबद्धता है।
भारत ने आईएलओ के साथ साझा प्राथमिकताओं, जिसमें जीवन-यापन के लिए उचित मजदूरी का निर्धारण व कार्यान्वन, गिग एवं प्लेटफॉर्म श्रमिकों का कल्याण और मूल्य श्रृंखलाओं में सम्मानजनक कार्य शामिल हैं, के संबंध में भावी सहयोग पर चर्चा की। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में श्रम और रोजगार मंत्रालय के उप निदेशक राकेश गौड़ शामिल थे।( PIB)
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