पानी का स्तर घटने से गंभीर जल संकट आसन्न


हैदराबाद,प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं में जल के घटते स्तर के कारण तेलंगाना पर गंभीर जल संकट मंडरा रहा है। श्रीपदा येलमपल्ली, श्रीराम सागर और नागार्जुन सागर जैसी प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं में घटते जल स्तर से न केवल फसलों के प्रभावित होने की आशंका है, बल्कि मई तक पीने के पानी की कमी भी हो सकती है। राजनीतिक दल 10 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में रबी की फसलों के प्रभावित होने की संभावना पर चिंता जता रहे हैं।
श्रीराम सागर और येलमपल्ली में पानी की भारी कमी
तेलंगाना में गोदावरी बेसिन परियोजनाओं में रबी की खेती करने वाले किसान गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं। श्रीपदा येलमपल्ली परियोजना, जिसकी कुल भंडारण क्षमता 20.18 टीएमसी है, में वर्तमान में केवल 12 टीएमसी पानी है। यह हैदराबाद सहित कमांड क्षेत्र के कस्बों और गांवों में पीने के पानी की आपूार्ति के लिए आवश्यक न्यूनतम 15 टीएमसी की आवश्यकता से काफी कम है।
श्रीराम सागर परियोजना (एसआरएसपी) भी गंभीर स्थिति में है। इसकी कुल क्षमता 90.31 टीएमसी के मुकाबले वर्तमान भंडारण में केवल 26 टीएमसी पानी है। इस वर्ष अधिकतम प्रवाह के बावजूद एसआरएसपी चरण 2 के तहत फसलें काफी हद तक सूखने को हैं, जिससे कृषि क्षेत्र का संकट और बढ़ गया है। एसआरएसपी चरण 1 के तहत भी फसलें प्रभावित हुई हैं। लगभग 2,000 सिंचाई टैंक सूखने के कगार पर हैं, जिससे गांवों और उन पर निर्भर बस्तियों में पेयजल आपूार्ति प्रभावित हो रही है। इस स्थिति से भूजल स्तर पर भी असर पड़ने की उम्मीद है।
रबी फसलें संकट में, किसानों को सिंचाई जल की किल्लत

निजामाबाद, जगत्याल, करीमनगर और पेद्दापल्ली जिलों में 4.42 लाख एकड़ के लिए नियोजित सिंचाई अब अनिश्चित है। काकतीया नहर क्षेत्रों में दिसंबर में शुरू होने वाली जलापूार्ति 10 अप्रैल तक बंद हो जाएगी। जल आपूार्ति की कमी के कारण फसल रोपाई में देरी और कटाई की अवधि बढ़ने से किसानों को भारी नुकसान का खतरा है। एसआरएसपी परियोजना के अंतिम छोर के क्षेत्रों में पहले से ही एक लाख एकड़ से अधिक फसलें आंशिक जल आपूार्ति से बुरी तरह प्रभावित हैं।
अयाकट क्षेत्र में किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से बनाई गई देवदुला परियोजना गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। उचित जल आपूार्ति की कमी के कारण रबी की फसलें सूख गई हैं जिससे किसानों का संकट बढ़ गया है। नहर प्रणाली के रखरखाव में लापरवाही ने स्थिति को और खराब कर दिया है। हनमकोंडा और जनगाँव जिलों के किसान रबी सीजन के लिए उचित जल आपूार्ति योजना की कमी के कारण अपनी फसलों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
तेलंगाना में जल संकट, सिंचाई परियोजनाओं में घटा जल
कृष्णा बेसिन परियोजनाओं के लिए एनएसपी में जल स्तर तेजी से घट रहा है। यह जल हैदराबाद, नलगोंडा, सूर्यापेट और खम्मम के लिए पेयजल आपूार्ति के लिए महत्वपूर्ण है। केआरएमबी ने पहले ही आंध्र प्रदेश को केवल पेयजल की जरूरतों को पूरा करने के लिए इसके उपयोग को सीमित करने का निर्देश दिया था, लेकिन उसने सिंचाई के लिए दाहिनी नहर से पानी निकालना जारी रखा। मध्य मई में संकट के खतरे को भांपते हुए हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (एचएमडब्ल्यूएस एंड एसबी) नागार्जुन सागर परियोजना से आपातकालीन पंपिंग शुरू करने के लिए पहले से ही व्यवस्था कर रहा है। एनएसपी में 312 टीएमसी के सकल भंडारण के मुकाबले वर्तमान भंडारण 150 टीएमसी है। श्रीशैलम परियोजना में वर्तमान भंडारण केवल 69 टीएमसी है।
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