हैदराबाद बंगाली समिति का 84वाँ दुर्गा पूजा समारोह 27 सितंबर से


हैदराबाद, हैदराबाद बंगाली समिति द्वारा 27 सितंबर से 2 अक्तूबर 2025 तक एन.टी.आर. स्टेडियम, इंदिरा पार्क के सामने 84वें दुर्गा पूजा समारोह का आयोजन किया जाएगा। यह 6 दिनों तक चलने वाला धार्मिक अनुष्ठान होगा, जिसमें भक्तिपूर्ण पूजा के साथ-साथ अन्नदान, बॉलीवुड और कोलकाता के समूहों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, कलात्मक प्रतियोगिताएं, भोजन, मनोरंजन मेला और भी बहुत कुछ शामिल होंगे।
1940 के दशक से यहां बसे चौथी पीढ़ी के बंगालियों द्वारा यह शहर का सबसे पुराना और सबसे बड़ा दशहरा/दुर्गा पूजा उत्सव है। स्वच्छता और परंपरा के साथ हर दिन लगभग पंद्रह हजार भक्तों को निशुल्क दोपहर का भोजन वितरित किया जाता है। माँ दुर्गा को चढ़ाया जाने वाला भोग खिचड़ी, लाबरा, पायेश, बेगुनी और चटनी से मिलकर बना होता है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, थ्रेड्स और एक्स के माध्यम से हमारी मजबूत आई.टी. और सोशल मीडिया उपस्थिति के कारण हैदराबाद में हमारी उच्चतम पहुंच और दृश्यता है।
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84वां दुर्गा पूजा उत्सव: पंडाल, भोग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संगम
पहला सामुदायिक या सार्वजनिक दुर्गा पूजा कथित तौर पर 1942 में निज़ामों के स्वतंत्रता पूर्व युग के दौरान घट पूजा के रूप में मनाया गया था। छह दिवसीय उत्सव में कई अनोखे अनुष्ठान होते हैं जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। इनमें शामिल हैं: बोधन: देवी का आह्वान, नवपत्रिका प्रवेश: नौ पवित्र पौधों का प्रवेश, संधि पूजा: 8वें और 9वें चंद्र दिवस के जंक्शन पर आयोजित विशेष पूजा, धनुची नृत्य: मिट्टी के बर्तनों में अगरबत्ती भरकर किया जाने वाला भक्तिपूर्ण नृत्य, सिंदूर खेला: एक अनुष्ठान जहाँ विवाहित महिलाएँ एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं और देवी माँ दुर्गा और उनके बच्चों देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती, कार्तिकेय और गणेश को मिठाइयाँ चढ़ाती हैं। इसके बाद मूर्ति का विसर्जन होता है।
हैदराबाद बंगाली समिति अपने 84वें वर्ष के दुर्गा पूजा समारोह में तीन विशाल पंडालों का निर्माण कर रही है। पहला पंडाल एक चालेर प्रतिमा देवी माँ दुर्गा और उनके बच्चों लक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिकेय और गणेश के लिए है। दूसरा पंडाल भोग और अन्नदान (सामुदायिक दोपहर का भोजन) के लिए है, जहाँ हर दिन बड़ी संख्या में भक्तों को भोग चढ़ाया जाता है। तीसरा पंडाल मुंबई और कोलकाता के आमंत्रित कलाकारों द्वारा संगीतमय संध्या जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए है।
इस साल महा अष्टमी पर सारेगामा की विजेता दीपान्विता चौधरी और नवमी की रात को मुंबई के सारेगामा फेम राहुल देब प्रस्तुति देंगे। साथ ही इन-हाउस सदस्यों, सदस्यों द्वारा नाटक, सस्वर पाठ, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि को शामिल किया जाएगा। 28 सितंबर (महा सप्तमी) को स्वामी बोधमयानंदजी की उपस्थिति में तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।
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