IIT Hyderabad 6G Research: भारत 2030 तक बनेगा तकनीकी दिग्गज

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हैदराबाद, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हैदराबाद की प्रमुख दूरसंचार शोधकर्ता प्रोफेसर किरण कुची ने कहा कि संस्थान का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत 6जी तकनीक को आकार देने में केवल भागीदार ही नहीं, बल्कि एक दिग्गज बनकर विश्व में उभरे। उन्होंने बताया कि 6जी तकनीक के 2030 तक शुरू होने की उम्मीद है। उनके अनुसार, 6जी केवल 5जी से तेज नेटवर्क नहीं होगा, बल्कि कृत्रिम मेधा (एआई) के साथ मिलकर शहरी और ग्रामीण इलाकों, घर के अंदर और बाहर, जमीन के नीचे, समुद्र और आकाश में भी हाई-स्पीड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा।

प्रोफेसर कुची ने बताया कि आईआईटी-हैदराबाद 6जी तकनीक के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और विभिन्न सरकारी संस्थानों एवं विभागों के सहयोग से अब तक 7 गीगाहर्ट्ज बैंड में 6जी प्रोटोटाइप, उन्नत विशाल एमआईएमओ (मल्टीपल-इनपुट मल्टीपल-आउटपुट) एंटीना एरेज तथा लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) और जियोस्टेशनरी ऑर्बिट (जीईओ) दोनों कक्षाओं के लिए उपग्रह-अनुरूप प्रणालियां विकसित कर चुका है।

प्रोफेसर कुची ने कहा कि हर दशक में दुनिया में नई मोबाइल तकनीक की शुरुआत होती है। वर्ष 2010 से 2020 के बीच 5जी का मानकीकरण हुआ और भारत में यह 2022 में शुरू किया गया।

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6जी मानकीकरण पर काम 2021 में गंभीरता से शुरू हुआ और इसके वैश्विक मानक 2029 तक तय होने की उम्मीद है, जबकि 2030 के आसपास तकनीक शुरू हो सकती है।

प्रोफेसर कुची ने कहा कि 2030 तक जब दुनिया 6जी को अपनाएगी, तब भारत अपनी प्रौद्योगिकियों, उत्पादों, कंपनियों और स्वयं के पारिस्थितिकी तंत्र के साथ तैयार होगा। यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण के अनुरूप होगी। (भाषा)

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