इस्तीफा मंजूर कराने स्पीकर से फिर मिलेंगी कविता

हैदराबाद, राज्य विधान परिषद सदस्यता से त्याग पत्र दे चुकीं तेलंगाना जागृति की संस्थापक कल्वाकुंट्ला कविता ने कहा कि विधान परिषद अध्यक्ष से फिर भेंट करके इस्तीफे को मंजूर करने का आग्रह करेंगी। एमएलसी कविता ने करीमनगर में तेलंगाना जागृति जनम बाटा के अंतर्गत मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका इस्तीफा मंजूर किया गया तो अगले 6 महीने के भीतर एमएलसी बनाना पड़ेगा। शायद इसलिए मंजूरी नहीं दी जा रही है।
कविता ने कहा कि विधान परिषद चेयरमैन इस्तीफे को लेकर सीधे उनसे (कविता से) चर्चा करने के बजाए चिट चैट के जरिए बोल रहे हैं। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि भारत देश स्वतंत्र हुए 79 वर्ष हो चुके हैं वहीं तेलंगाना हासिल करके 12 साल हो गए हैं लेकिन परिस्थितियों में कोई परिवर्तन नहीं आया है। उन्होंने कहा कि करीमनगर में अंडरग्राउंड ड्रेनेज व्यवस्था तक नहीं है। मानेरू में ड्रेनेज का सारा पानी डम्प कर दिया जा रहा है।
कविता ने कहा कि कुछ भी कहने के लिए पहले वे बंधन में बंधी हुई थीं। अब नहीं हैं। अब फ्री बर्ड हैं। जनता की समस्याओं पर खुलकर बोलेंगी, आंदोलन करेंगी। उन्होंने ग्रेनेट माफिया के खिलाफ आंदोलन करने की भी चेतावनी दी। कविता ने आगे कहा कि आरटीसी में काफी चिंताजनक स्थितियां हैं। पूर्व बीआरएस शासन के दौरान 300 कर्मचारियों को अकारण निकाल दिया गया। अब तक आरटीसी में अकारण 1.100 कर्मचारियों को निकाल दिया गया है। कविता ने उन्हें मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का छोड़ा बाण बताए जाने पर कहा कि वे केवल तेलंगाना की जनता का बाण हैं।
मोदी सरकार पर श्रमिकों के अधिकारों को कुचलने का आरोप
कविता ने कहा कि राज्य में राजनीतिक शून्यता का वातावरण निर्माण हो चुका है जहां मोंथा तूफान के चलते शहरों के शहर डूब गए। किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं लेकिन प्रमुख राजनीतिक दल सारे जुबली हिल्स चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। किसी को जनता खासकर किसानों की परवाह तक नहीं है। उन्होंने कहा कि अवश्य ही तेलंगाना जागृति राजनीतिक मंच है और हर समय राजनीतिक बयान देती आई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव के समय क्या करना है जल्द ही निर्णय लेंगी।

कविता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर श्रमिकों के अधिकारों को कुचलने का आरोप लगाया और कहा कि किसान कानूनों पर बोलने वाले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी श्रमिकों के कानूनों पर मौन हैं। उन्होंने कहा कि किसान कानून बदल गए परंतु श्रमिकों के साथ अन्याय करने वाले कानून नहीं बदले। उन्होंने बुद्धीजीवियों से प्रश्न किया कि मोदी सरकार ने श्रमिकों के मामले में काले कानून लाए हैं फिर भी सब मौन क्यों हैं। उन्होंने कहा कि वामदलों ने प्रयास किए परंतु उनकी ताकत पर्याप्त नहीं है।
निर्वाचन पुनर्सीमांकन से 69 महिला विधायक बनने की संभावना
कविता ने कहा कि जुबली हिल्स उप चुनाव के कारण एमर्जेंसी में अल्पसंख्यक को मंत्री तो बना दिया गया अब सरकार को चाहिए कि इसी प्रकार एमर्जेंसी में 2 हजार करोड रुपये खर्च करें और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण पर भी अमल करें। उन्होंने कहा कि अगले 3 सालों में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे विशेषकर निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्सीमांकन से महिलाओं को लाभ होगा। तेलंगाना में करीब 69 महिला विधायक बनेंगी।
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कविता ने करीमनगर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने 1 हजार करोड रुपए देने की केंद्र सरकार से मांग की। उन्होंने युवाओं से कहा कि और कितने दिन नौकरियों के लिए विदेशों में जाएंगे। अमेरिका और दुबई से भगाया जा रहा है फिर भी विदेश में नौकरियों के लिए होड़ लगी है। उन्होंने कहा कि अब इन परिस्थितियों में भी विप्लवात्मक परिवर्तन की जरूरत है।
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