अशुभ को छोड़ना है विवेक : डॉ. सुमंगलप्रभाजी म.सा.

हैदराबाद, क्षमा छोड़ना, माता पिता व को छोड़ना विवेक नहीं है। अशुभ को छोड़ना विवेक है। यह मान कषाय को भड़का कर, अशुभ से जुड़ने की बुद्धि पैदा करता है। विद्या ग्रहण करने वालों को कभी मान नहीं करना चाहिए, अन्यथा दी गई विद्या किसी काम की नहीं। विद्या हमें मजबूत और विनयवान बनाती है।
उत्त उद्रार सिवंतदराबाद मारुति विधि जैन स्थानक में श्री वर्धमान स्थानववासी जैन श्रवव संघ सिबदराबाद द्वारा आयोजित चातुमासिक धर्म सभा को संबोधित करते हुए साध्वी डॉ. सुमंगलप्रभाजी म.सा. ने व्यक्त किये। पूज्यश्री ने कहा कि बड़ों का विनय नहीं करना, ऐसा तो नहीं सिखाते हैं। पर आजकल की विद्या का मोड ऐसा है कि विनय की बातें समाप्त हो जाती है। दवा किसलिए है ? रोग को मिटाने के लिये। दवा लेने से भी रोग बढ़े, तो ऐसी दवा किस काम की ? विद्या भी मान को गलाने के लिये है, परंतु विद्या अध्ययन करते-करते मान अहंकार बढ़ता जाए, तो वह रोग बढ़ाने वाली दवा के समान ही है।
यह भी पढ़ें… अचल होते हैं सिद्ध परमात्मा : सुमंगलप्रभाजी

धर्मसभा में विवेक, विनय और साधना का संदेश
म.सा. ने कहा कि विनय दो प्रकार की है, लौकिक और लोकोक्तर। माता-पिता, शिक्षक आदि का विनय लौकिक है, जबकि देव-गुरु के प्रति विनय लोकोक्तर है। ज्ञान और ज्ञानी का विनय करना लोकोक्तर है। पुत्ये ब युग में विवेक की आवश्यकता है। विवेक अर्थात छोड़ना। मनुष्य बुरी बुराइयाँ छुड़वाकर अच्छाइयों की ओर ले जाने वाला चिंतन या वृत्ति है विवेक बुद्धि। विवेक जागृत हो, तो ठीक, वरना आप जानते हैं अच्छे-अच्छे संस्कारी परिवार के पुत्र-पुत्रियां कैसे रास्ते पर लग जाते हैं। पाप से हटकर धर्म मार्ग पर चलें, साधन ऐसे हो जो धर्म पर ले जाएँ। साध्वी भगवंत ने श्रीपाल चारित्र वाचन की आराधना श्रवण कराई।
सभा का संचालन करते हुए अभिषेक अलिजार ने बताया कि जाप की प्रभावना श्री अरिहंत नवयुवक मंडल की ओर से प्रदान की गई। गुरुवार, 2 से 10 अक्तूबर तक श्री एस.एस. जैन महावीर मेडिकल रिलीफ सोसाइटी के सहयोग से जाप रहेगा। धर्म सभा में ओमप्रकाश बडगुजर और प्रदीप सोलंकी ने 9 उपवास वेक उपलक्ष्य में लाभार्थीं परिवार चंपालाल, कन्हैयालाल, पूनमचंद गांधी की ओर से चाँदी के सिक्के से उनका अभिनंदन किया गया।
महामंत्री सुरेन्द्र कटारिया ने बताया कि बाल संस्कार शिविर में 60 बच्चों ने भाग लिया। संघ की ओर से अल्पाहार की व्यवस्था कर प्रभावना दी गई। कोषाध्यक्ष विजयराज डुंगरवाल ने सभी से श्रीपाल चारित्र वाचन में भाग लेने का निवेदन किया। ओली आयंबिल व नीवी तप की लाभार्थी परिवार की ओर से व्यवस्था रखी गई। आयंबिल की प्रभावना गुरु अंबेश मेवाड़ संघ की ओर से प्रदान की गई।
अब आपके लिए डेली हिंदी मिलाप द्वारा हर दिन ताज़ा समाचार और सूचनाओं की जानकारी के लिए हमारे सोशल मीडिया हैंडल की सेवाएं प्रस्तुत हैं। हमें फॉलो करने के लिए लिए Facebook , Instagram और Twitter पर क्लिक करें।




