2025 तक 1 मिलियन रोबोटिस्ट होंगे तैयार - एआईआरए

 1 million roboticists to be ready by 2025 - AIRA
हैदराबाद - अखिल भारतीय रोबोटिक्स असोसिएशन, हैदराबाद (एआईआरए) भारत को दुनिया का सबसे बड़ा रोबोटिक्स और ड्रोन हब बनाने के मिशन पर है। एआईआरए ने 2025 तक एक मिलियन रोबोटिक्स बनाने सहित विभिन्न लक्ष्यों को पूरा करने के प्रयास के तहत अपनी तरह की कई पहलों की शुरुआत की।

एआईआरए के संस्थापक किशन पीएसवी द्वारा देश में अपनी तरह की एक साथ कई पहलों की घोषणा टी-हब 2.0 में आयोजित समारोह में की गई। उन्होंने कहा कि रोबोटिक्स को जमीनी स्तर पर ले जाना और इसे हर क्षेत्र से जोड़ना उनका उद्देश्य है। पूर्व में हमारे पास रोबोटिक्स क्षेत्र में केवल 350 स्टार्टअप थे, लेकिन अब 3,700 हैं। एआईआरए का लक्ष्य वर्ष 2025 तक एक मिलियन रोबोटिस्ट तैयार करना है। हर विभाग में रोबोटिक्स हर संभव क्षेत्र में रोबोटिक्स की तैनाती सुनिश्चित करने की एक पहल है। एआईआरए ने कई संगठनों के साथ समझौता किया है। इनमें से कुछ में इमर्जिंग टेक्नोलॉजी विंग, तेलंगाना सरकार, टीएसआईआईसी, टास्क, रिच, रोबोटिक्स अनुभव केंद्र, स्टुमैग्ज-30 रोबोटिक्स समूह एवं अन्य विभाग शामिल हैं। तेलंगाना सरकार में आईटी विभाग के प्रधान सचिव जयेश रंजन और इमर्जिंग टेक विंग की ओएसडी रमा देवी लंका की उपस्थिति में एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। इस दौरान आईसीसी में आगामी 16 से 18 दिसंबर को होने वाले रोबोटिक्स वैश्विक शिखर सम्मेलन की घोषणा की गई। यह भारत का रोबोटिक्स का सबसे बड़ा उत्सव होगा। यह भी साझा किया गया कि जल्द ही एआईआरए और मारूत ड्रोन संयुक्त रूप से कृषि में रोबोटिक्स में कदम रखेंगे। इसके अलावा सदस्यता कार्ड लांच कर इसे छात्रों को प्रदान किया गया। छात्र इस सदस्यता कार्ड के साथ भारत भर में रोबोटिक्स अनुसंधान प्रयोगशालाओं तक पहुँच सकते हैं। अवसर पर राष्ट्रीय रोबोटिक्स दिवस मनाने की घोषणा की गई। प्रत्येक वर्ष 15 दिसंबर को राष्ट्रीय रोबोटिक्स दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

जयेश रंजन ने एआईआरए की कई पहलों का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि हर विभाग में रोबोटिक्स एक प्रशंसनीय पहल है। वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए छात्रों को शामिल करना और रोबोटिक्स का उपयोग करना सराहनीय है। केन्द्रीय विद्यालय, आदिलाबाद के 9वीं कक्षा के छात्र श्लोक में काफी प्रतिभा है। छात्र को एआई और रोबोटिक्स का उपयोग कर श्लोक सहायक नामक अपनी शोध परियोजना में मदद करने के लिए  आज एआईआरए द्वारा पाँच लाख रूपये का अनुदान दिया गया। उन्होंने कहा कि जापान और कोरिया के विपरीत हमने रोबोटिक्स और उनके अनुप्रयोगों को अपनाने में देर कर दी है, लेकिन हम ठोस कदम उठा रहे हैं। उन्होंने एआईआरए को सोफिया से जुड़े लोगों को शामिल करने की सलाह दी, जो पहले विकसित एक सामाजिक  ह्यूमनॉइड रोबोट है। उन्होंने एआईआरए को कुछ कॉलेजों के साथ सहयोग करने की भी सलाह दी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वर्तमान में रोबोटिक्स एक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। हालाँकि यह एक पूर्ण पाठ्यक्रम हो सकता है। कुछ संस्थानों को इसे शुरू करना चाहिए।

टीएसआईआईसी के सीआईओ शांता थौतम ने कहा कि टीएसआईआईसी नवाचार की संस्कृति का निर्माण कर रहा है। रोबोटिक्स और ड्रोन की अवधारणा को तेलंगाना के 33 जिलों तक पहुँचाने का प्रयास है। हर घर इनोवेटर अभियान के अतंर्गत 750 पंजीकरण हुए। इस कार्यक्रम के तहत 163 नवाचारों को सूचीबद्ध किया गया। टास्क के सीईओ श्रीकांत सिन्हा ने कहा कि टास्क के साथ 718 कॉलेज पंजीकृत हैं। हम कॉलेज के छात्रों के बीच रोबोटिक्स को बढ़ावा देंगे।
अवसर पर रोबोटिक स्टार्टअप्स के लिए एंजेल फंड एंजेल ऐरा लांच किया गया। इसके अलावा एआईआरए अनुदान आरंभ किया गया। इसके द्वारा एग्रीटेक, हेल्थटेक, डिफेंस रोबोटिक्स पर काम कर रही टीमों या स्टार्टअप्स को 5 से 10 लाख रूपये के अनुदान का समर्थन मिलेगा। इसके माध्यम से नवाचारों को वैश्विक शिखर सम्मेलन में अपने नवाचार का प्रदर्शन करने और लॉस वेगास में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
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