राहुल को फिर से अध्यक्षपद पर लाने की माँग तेज

 Demand for bringing Rahul back to the presidency intensifies
नई दिल्ली,   कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नजदीक आने के साथ ही पार्टी के भीतर राहुल गांधी को एक बार फिर से अध्यक्ष बनाने की माँग तेज हो गई है। इसी महीने में सोमवार को भी 7 प्रदेश कांग्रेस कमेटियों समेत पार्टी की 8 स्थानीय इकाइयों ने राहुल गांधी के समर्थन में प्रस्ताव पारित किए।

कांग्रेस की इन इकाइयों ने ये प्रस्ताव उस ववÌत पारित किया है, जब गत 9 सितंबर को कन्याकुमारी में राहुल गांधी ने यह संकेत दिया था कि वह पार्टी का अध्यक्ष बनने के अपने पुराने फैसले पर कायम हैं। राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ के बाद आज तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और बिहार तथा मुंबई की कांग्रेस इकाइयों ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए। कई प्रदेश कांग्रेस कमेटियों ने यह प्रस्ताव उस समय पारित किया है, जब मंगलवार को कांग्रेस की प्रदेश इकाइयाँ यह प्रस्ताव पारित कर कहा कि कांग्रेस के अगले अध्यक्ष को इसके लिए अधिकृत करें कि वह नए प्रदेश अध्यक्षों और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट की नियुविÌत करें। राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की माँग वाले प्रस्ताव पारित करने की शुरुआत राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने की। कांग्रेस की कई पेदश इकाइयों ने राहुल गांधी से यह अपील उस ववÌत की है, जब 22 सितंबर को पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की अधिसूचना जारी होने वाली है।

राहुल गांधी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि उन्होंने फैसला कर लिया है, लेकिन अपनी योजनाओं का खुलासा नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए वह आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे, तो वह इसके कारण बता देंगे। राहुल की टिप्पणी को पार्टी में इस संकेत के तौर पर देखा गया है कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं है। हाल के दिनों में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि राहुल के पार्टी अध्यक्ष नहीं बनने पर भी पार्टी में गांधी परिवार का विशेष स्थान बना रहेगा।
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