हैदराबाद, जीएचएमसी ने इंजीनिय्रिंग परियोजनाओं पर आउट सोा\सग कार्यों के लिए अनुबंध प्रपत्रों और समझौतों में नए मानदंड अपनाने का निर्णय लिया है। इससे निगम को निर्धारित समयसीमा में कार्य पूरा करने में मदद मिलेगी। नए दिशा-निर्देशों में बताया गया कि एजेंसियों को निार्दिष्ट समय सीमा के भीतर काम पूरा करने के लिए आंशिक बिलों के भुगतान पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होगी।
वह आंशिक बिलों के भुगतान में देरी के कारण काम को रोकने या काम की रफ्तार को कम नहीं कर पाएँगे। जीएचएमसी ने पाया कि भुगतान में देरी के कारण एजेंसियों द्वारा कई परियोजनाएँ रोकी जा रही हैं। परिणामस्वरूप लोगों को असुविधा हो रही है। इससे स्थानीय निकाय को अतिरित्त लागत वहन करनी पड़ रही है। इस संबंध में अधिकारियों द्वारा किये गये एक अध्ययन के बाद निर्णय लिया गया कि ठेकेदारों से काम करवाने के लिए नयी शर्तें और नियम लागू किये जाएँगे। बिलों का भुगतान प्रस्तुत चालानों की वरीयता तथा संबंधित खातों में उपलब्ध राशि के आधार पर किया जाएगा।
वह आंशिक बिलों के भुगतान में देरी के कारण काम को रोकने या काम की रफ्तार को कम नहीं कर पाएँगे। जीएचएमसी ने पाया कि भुगतान में देरी के कारण एजेंसियों द्वारा कई परियोजनाएँ रोकी जा रही हैं। परिणामस्वरूप लोगों को असुविधा हो रही है। इससे स्थानीय निकाय को अतिरित्त लागत वहन करनी पड़ रही है। इस संबंध में अधिकारियों द्वारा किये गये एक अध्ययन के बाद निर्णय लिया गया कि ठेकेदारों से काम करवाने के लिए नयी शर्तें और नियम लागू किये जाएँगे। बिलों का भुगतान प्रस्तुत चालानों की वरीयता तथा संबंधित खातों में उपलब्ध राशि के आधार पर किया जाएगा।
जीएचएसमी विशेष रूप से विधायकों एवं एमएलसी को निर्वाचन क्षेत्र विकास के लिए दी जाने वाली राशि से आवंटित होने वाले कार्यों की अमलावरी के लिए नये दिशा-निर्देशों के अनुसार बिलों का भुगतान करेगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस राशि को 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ कर दिया है। आयुत्त डी.एस. लोकेश कुमार सभी निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों की अनुमति देने के लिए अधिकृत हैं।