मंचीरियाल, 3 जुलाई (के. श्रीनिवास)
जिले के बेल्लमपल्ली नगर पालिका की चेयरपर्सन पी. सुनीतारानी के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव ने अचानक अाश्चर्यजनक मोड़ ले लिया है। पाशुला सुनीतारानी की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए सत्ताधारी तेरास के पार्षदों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा। हालाँकि इन पार्षदों को समझाने बुझाने का प्रयास किया जा रहा है। उन पर इस बात का अारोप है कि पार्षदों की समस्याअों पर उन्होंने कभी ध्यान नहीं दिया। तेरास के पार्षदों ने माँग की कि सुनीता रानी के बजाय किसी अन्य को चेयरपर्सन बनाने पर उन्हें कोई अापत्ति नहीं होगी। सरकार भी इस बात को लेकर असमंजस में है कि सुनीतारानी को नगरपालिका चेयरपर्सन पद से हटाया जाए या पार्षदों को समझानेबुझाने का प्रयास किया जाए।
2014 में बेल्लमपल्ली नगरपालिका चुनाव में तेरास को 10, काग्रेस को 14, भाकपा को 2, निर्दलीय को 3 और तेदेपा को 5 सीटें मिली थी। इस दौरान कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरकर अायी। कुल 34 वार्डों के लिए चुनाव हुअा। बाद में कांग्रेस के 9 और तेदेपा के 4 पार्षद तेरास में शामिल हो गये और इससे कांग्रेस को जोरदार झटका लगा। नगरपालिका चेयरपर्सन सीट अारक्षित होने से सुनीतारानी को नगरपालिका चेयरपर्सन बनाया गया। कहा जा रहा है कि सुनीतारानी चेयरपर्सन बनने के बाद हमेशा किसी न किसी विवादों में रही है। पहली बार बेल्लमपल्ली नगर पालिका में चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास लाया गया है।
इसी मुद्दे को लेकर हैदराबाद में भी तेलंगाना सरकार असमंजस में है। तेरास के पार्षदों ने स्पष्ट किया कि जब तक सुनीता रानी को इस पद से नहीं हटाया जाता तब तक विरोध जारी रहेगा। यहाँ तक कि उन्होंने इस बात की भी धमकी दी कि यदि इस पर जल्द से जल्द फैसला नहीं किया गया तो वे इस्तीफा देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। दूसरी ओर तेरास की महिला प्रत्याशी स्वरूपा के नाम पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। स्वरूपा के नाम पर सभी पार्षदों ने सहमति भी जतायी है। दूसरी ओर सुनीतारानी ने इस बात का अारोप लगाया कि उसके खिलाफ पार्षद साजिश रच रहे हैं।
जिले के बेल्लमपल्ली नगर पालिका की चेयरपर्सन पी. सुनीतारानी के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव ने अचानक अाश्चर्यजनक मोड़ ले लिया है। पाशुला सुनीतारानी की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए सत्ताधारी तेरास के पार्षदों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा। हालाँकि इन पार्षदों को समझाने बुझाने का प्रयास किया जा रहा है। उन पर इस बात का अारोप है कि पार्षदों की समस्याअों पर उन्होंने कभी ध्यान नहीं दिया। तेरास के पार्षदों ने माँग की कि सुनीता रानी के बजाय किसी अन्य को चेयरपर्सन बनाने पर उन्हें कोई अापत्ति नहीं होगी। सरकार भी इस बात को लेकर असमंजस में है कि सुनीतारानी को नगरपालिका चेयरपर्सन पद से हटाया जाए या पार्षदों को समझानेबुझाने का प्रयास किया जाए।
2014 में बेल्लमपल्ली नगरपालिका चुनाव में तेरास को 10, काग्रेस को 14, भाकपा को 2, निर्दलीय को 3 और तेदेपा को 5 सीटें मिली थी। इस दौरान कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरकर अायी। कुल 34 वार्डों के लिए चुनाव हुअा। बाद में कांग्रेस के 9 और तेदेपा के 4 पार्षद तेरास में शामिल हो गये और इससे कांग्रेस को जोरदार झटका लगा। नगरपालिका चेयरपर्सन सीट अारक्षित होने से सुनीतारानी को नगरपालिका चेयरपर्सन बनाया गया। कहा जा रहा है कि सुनीतारानी चेयरपर्सन बनने के बाद हमेशा किसी न किसी विवादों में रही है। पहली बार बेल्लमपल्ली नगर पालिका में चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास लाया गया है।
इसी मुद्दे को लेकर हैदराबाद में भी तेलंगाना सरकार असमंजस में है। तेरास के पार्षदों ने स्पष्ट किया कि जब तक सुनीता रानी को इस पद से नहीं हटाया जाता तब तक विरोध जारी रहेगा। यहाँ तक कि उन्होंने इस बात की भी धमकी दी कि यदि इस पर जल्द से जल्द फैसला नहीं किया गया तो वे इस्तीफा देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। दूसरी ओर तेरास की महिला प्रत्याशी स्वरूपा के नाम पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। स्वरूपा के नाम पर सभी पार्षदों ने सहमति भी जतायी है। दूसरी ओर सुनीतारानी ने इस बात का अारोप लगाया कि उसके खिलाफ पार्षद साजिश रच रहे हैं।