नई दिल्ली, 16 मई
उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक की उस याचिका को अाज खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि राज्य में नई सरकार के गठन की प्रि¯ाया चल रही है, ऐसे में कावेरी प्रबंधन योजना के मसौदे को अंतिम रूप देने पर रोक लगाई जानी चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र से इस योजना के मसौदे के उस प्रावधान में भी संशोधन करने को कहा जो केन्द्र सरकार को चार दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और पुद्दुचेरी के बीच कावेरी जल बंटवारे पर समय -समय पर निर्देश जारी करने का अधिकार देता है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल से योजना में बदलाव करने और मंजूरी के लिए कल उसे पेश करने को कहा। पीठ ने कर्नाटक की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिववÌता श्याम दीवान की इस दलील को स्वीकार नहीं किया कि राज्य में नई सरकार के गठन की प्रि¯ाया चल रही है, ऐसे में कावेरी प्रबंधन योजना के मसौदे को अंतिम रूप देने पर जुलाई के पहले सप्ताह तक रोक लगाई जानी चाहिए।
पीठ में न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ भी शामिल हैं।
दीवान ने अपनी दलील में कहा, `सभी संबंधित राज्य मसौदा योजना पर अभ्यावेदन दे रहे हैं। मैं जुलाई के पहले सप्ताह तक स्थगन का अनुरोध कर रहा हूँ, वÌयोंकि मुझे कर्नाटक के मंत्रिपरिषद की ओर से कोई निर्देश नहीं मिला है।' न्यायालय ने कर्नाटक की याचिका खारिज करते हुए कहा कि केन्द्र को मसौदा योजना तैयार करना है।
मामले पर सुनवाई कल होगी जब संशोधित मसौदा योजना पर विचार किया जाएगा। इस प्रकार चार राज्यों के बीच कावेरी जल वितरण से संबंधित शीर्ष अदालत के 16 फरवरी के फैसले का अनुपालन सुनिश्चित होगा। इससे पहले शीर्ष अदालत ने कावेरी प्रबंधन योजना के मसौदे को पेश करने में देरी पर केन्द्र को अाड़े हाथ लिया था। उसने अाठ मई को केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव को मसौदे के साथ तलब किया था। न्यायालय ने फरवरी के अपने फैसले में केन्द्र से कावेरी प्रबंधन योजना तैयार करने को कहा था।
उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक की उस याचिका को अाज खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि राज्य में नई सरकार के गठन की प्रि¯ाया चल रही है, ऐसे में कावेरी प्रबंधन योजना के मसौदे को अंतिम रूप देने पर रोक लगाई जानी चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र से इस योजना के मसौदे के उस प्रावधान में भी संशोधन करने को कहा जो केन्द्र सरकार को चार दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और पुद्दुचेरी के बीच कावेरी जल बंटवारे पर समय -समय पर निर्देश जारी करने का अधिकार देता है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल से योजना में बदलाव करने और मंजूरी के लिए कल उसे पेश करने को कहा। पीठ ने कर्नाटक की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिववÌता श्याम दीवान की इस दलील को स्वीकार नहीं किया कि राज्य में नई सरकार के गठन की प्रि¯ाया चल रही है, ऐसे में कावेरी प्रबंधन योजना के मसौदे को अंतिम रूप देने पर जुलाई के पहले सप्ताह तक रोक लगाई जानी चाहिए।
पीठ में न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ भी शामिल हैं।
दीवान ने अपनी दलील में कहा, `सभी संबंधित राज्य मसौदा योजना पर अभ्यावेदन दे रहे हैं। मैं जुलाई के पहले सप्ताह तक स्थगन का अनुरोध कर रहा हूँ, वÌयोंकि मुझे कर्नाटक के मंत्रिपरिषद की ओर से कोई निर्देश नहीं मिला है।' न्यायालय ने कर्नाटक की याचिका खारिज करते हुए कहा कि केन्द्र को मसौदा योजना तैयार करना है।
मामले पर सुनवाई कल होगी जब संशोधित मसौदा योजना पर विचार किया जाएगा। इस प्रकार चार राज्यों के बीच कावेरी जल वितरण से संबंधित शीर्ष अदालत के 16 फरवरी के फैसले का अनुपालन सुनिश्चित होगा। इससे पहले शीर्ष अदालत ने कावेरी प्रबंधन योजना के मसौदे को पेश करने में देरी पर केन्द्र को अाड़े हाथ लिया था। उसने अाठ मई को केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव को मसौदे के साथ तलब किया था। न्यायालय ने फरवरी के अपने फैसले में केन्द्र से कावेरी प्रबंधन योजना तैयार करने को कहा था।