एडीलेड -स्टार बल्लेबाजों के बल्ले ऐन मौके पर खामोश रहे, गेंदबाजों को लय नहीं मिल सकी और आईसीसी टूर्नामेंटों में बड़े मैच हारने का भारत का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में मिली दस विकेट से हार ने भारतीय टीम का 11 साल बाद आईसीसी खिताब जीतने का सपना और दुनिया भर में करोड़ों भारतीयों का दिल भी तोड़ दिया। एलेक्स हेल्स और कप्तान जोस बटलर के नाबाद अर्धशतकों और पहले विकेट के लिए 170 रन की रिकॉर्ड अटूट साझेदारी के दम पर इंग्लैंड ने भारत को दस विकेट से रौंदकर टी20 विश्व कप के फाइनल में प्रवेश कर लिया, जहां उसका सामना पाकिस्तान से होगा।
पहले बल्लेबाजी के लिए भेजी गई भारतीय टीम के लिए न तो विराट कोहली के बल्ले में वह तेवर नजर आए और न ही सूर्यकुमार यादव चमक सके। हार्दिक पंड्या ने अलबत्ता फिनिशर की भूमिका बखूबी निभाते हुए 33 गेंद में 63 रन बनाकर टीम को छह विकेट पर 168 रन तक पहुँचाया। जवाब में इंग्लैंड की सलामी जोड़ी ने भारतीय गेंदबाजों को स्कूली बच्चों की तरह मैदान के चारों ओर धुन दिया। बटलर ने 49 गेंद में नौ चौकों और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 80 और एलेक्स हेल्स ने 47 गेंद में नाबाद 86 रन बनाए, जिसमें चार चौके और सात छक्के शामिल थे। ग्रुप चरण में शीर्ष रहने वाली भारतीय टीम का कोई दाँव आज नहीं चल सका। बल्लेबाजों के बाद गेंदबाजों ने भी निराश किया। मोहम्मद शमी से लेकर अर्शदीप सिंह तक सभी नाकाम रहे और हेल्स तथा बटलर ने भारत-पाकिस्तान फाइनल की संभावनाएँ ध्वस्त कर दी। इससे पहले भारत के लिए विराट कोहली ने 40 गेंद में 50 रन बनाए, लेकिन भारतीय पारी का आकर्षण पंड्या रहे जिन्होंने टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया। पहले दस ओवर के प्रदर्शन के बाद यह स्कोर मुमकिन नहीं लग रहा था। आखिरी चार ओवर में भारत ने 58 रन बनाए, जिसमें चार चौके और पंड्या के पाँच छक्के शामिल थे। भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही और के.एल. राहुल (पाँच) एक बार फिर बड़े मैच में नाकाम रहे। क्रिष वोक्स ने दूसरे ओवर में अतिरिक्त उछाल के खिलाफ उनकी कमजोरी की कलई खोल दी।
भारत अगर 20 रन से पीछे रह गया तो इसके लिए कप्तान रोहित शर्मा जिम्मेदार हैं, जिन्होंने 28 गेंद में 27 रन बनाए। पहले दस ओवर में सिर्फ 62 रन बने। सेमीफाइनल में 42 डॉट गेंद यानी सात ओवर में रन नहीं बनना साबित करता है कि टीम किस कदर दबाव में थी। हार्दिक ने अगर जॉर्डन और सैम कुरेन को छक्के नहीं लगाए होते तो भारत का स्कोर 150 रन भी नहीं होता। अर्धशतक बनाने के बावजूद कोहली तेजी से रन नहीं बना सके। इंग्लैंड के लिए आदिल रशीद ने चार ओवर में 20 रन देकर एक विकेट लिया। दूसरे छोर से रोहित जूझते नजर आए, लेकिन कोहली ने कुछ दर्शनीय स्ट्रोक लगाए, जिसमें वोक्स को एक्स्ट्रा कवर पर जड़ा छक्का शामिल था। वहीं रोहित ने मिडविकेट पर कुरेन को दो चौके लगाए और जॉर्डन को एक्स्ट्रा कवर में चौका जड़ा, लेकिन इसके अलावा कोई कमाल नहीं कर सके। पंड्या ने आखिरी ओवरों में जबरदस्त बल्लेबाजी करके भारतीय पारी का नवशा बदल दिया।