मुख्यमंत्री बने येदियुरप्पा

Yeddyurappa sworn in as Karnataka chief minister

बेंगलुरू, 17 मई-(भाषा)
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी भाजपा के नेता बी. एस. येदियुरप्पा ने तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की अाज शपथ ली। हालाँकि उनके इस पद पर बने रहने को लेकर फिलहाल अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। दूसरी ओर कांग्रेस ने अाज भाजपा को चुनौती दी कि अगर उसके पास जादुई अाँकड़ा है, तो वह कल ही विधानसभा में बहुमत साबित करके दिखाए। पार्टी के मुख्य प्रववÌता रणदीप सुरजेवाला ने अाज संवाददाताअों से कहा कि अमित शाह और भाजपा लोकतंत्र के बारे में प्रवचन दे रहे हैं, जबकि उन्होंने खुद ही कर्नाटक में लोकतंत्र का गला घोंट दिया। हम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और येदियुरप्पा को चुनौती देते हैं कि अाप कल ही विधानसभा में बहुमत साबित करिए। सुरजेवाला ने कहा कि इस देश में एक संविधान और एक कानून ही होगा। अगर सबसे बड़ी पार्टी का तर्व भाजपा के लोग दे रहे हैं, तो सबसे पहले बिहार, गोवा और मणिपुर की सरकारों को इस्तीफा दे देना चाहिए।
वहीं, जद (एस) और कांग्रेस गठजोड़ ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण के विरोध में प्रदर्शन किया। साथ ही, अपने विधायकों को कथित खरीद फरोख्त की कोशिशों से बचाने के लिए उन्हें रिसार्ट और होटलों में ले गए हैं। लिंगायत समुदाय में खासा प्रभाव रखने वाले 75 वर्षीय येदियुरप्पा को राज्यपाल वजुभाई वाला ने राजभवन में एक समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्यपाल ने उन्हें विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने के लिए 15 दिनों का ववÌत दिया है।
भाजपा के बहुमत हासिल नहीं करने के बावजूद राज्यपाल ने येदियुरप्पा को सरकार गठन के लिए कल न्योता दिया था और उनके इस फैसले पर विवाद छिड़ गया। राज्य विधानसभा की 222 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने 104 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि वह बहुमत के लिए जरूरी अाँकड़े से अाठ सीट पीछे है।
राजभवन में एक सादे समारोह में सफेद सफारी सूट पर हरे रंग का शॉल ओढ़े येदियुरप्पा ने मोदी, मोदी के नारों के बीच ईश्वर और किसानों के नाम पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
अवÌसर अपनी पार्टी के मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस मौके पर अनुपस्थित थे। हालाँकि, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और अनंत वुमार समारोह में शरीक हुए। इस बीच, येदियुरप्पा ने संवाददाताअों से कहा कि मैं विश्वासमत हासिल करने को लेकर अाश्वस्त हूँ और मेरी सरकार पाँच साल पूरे करेगी। 
उन्होंने कहा कि वह विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों तक इंतजार नहीं करेंगे। वह इसे यथाशीघ्र करना चाहते हैं।
येदियुरप्पा ने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन को अपवित्र बताया और अारोप लगाया कि लोगों ने उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद वे सत्ता हथियाने की कोशिश में है।
येदियुरप्पा पहली बार नवंबर, 2007 में मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन इस पद पर सिर्फ सात दिन रह पाए थे। मई, 2008 में वह दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और जुलाई 2011 तक इस पद पर रहे। अवैध खनन के एक मामले में तत्कालीन लोकायुवÌत एन. संतोष हेगड़े द्वारा अभ्यारोपित किये जाने के बाद उन्हें अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कांग्रेस और जद(एस) के नेताअों ने राज्य सचिवालय, विधान सौध में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना दिया और प्रदर्शन किया। येदियुरप्पा के पूर्वाधिकारी एवं कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने पद का दुरूपयोग कर रहे हैं। राज्यपाल का कार्य अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है... वह अप्रत्यक्ष रूप से विधायकों की खरीद फरोख्त को बढ़ावा दे रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि हम न्यायालय गए... हम जनता के पास जाएँगे। हम उन्हें बताएँगे कि उनकी (भाजपा की) लोकतंत्र-संसदीय लोकतंत्र में कोई अास्था नहीं है।  महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास गुलाम नबी अाजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और अशोक गहलोत सहित पार्टी के कई शीर्ष नेता धरने पर बैठे। बाद में, वहाँ जद (एस) प्रमुख एचडी देवगौड़ा और गठजोड़ के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार वुमारस्वामी ने भी धरना दिया।
ईगलटन रिसॉर्ट में रखे गए कांग्रेस के विधायकों को वुछ देर के लिए पार्टी के नेता डी.के. शिववुमार ने धरना स्थल पर लाया और फिर उन्हें वहाँ से वापस ले गए। वहीं, जद (एस) के नव निर्वाचित विधायकों को बेंगलुरू के एक होटल में रखा गया है। वुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह लोकतंत्र को नष्ट करने वाले हैं। उन्होंने राज्यपाल के फैसले को असंवैधानिक बताया। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री कांग्रेस और जद (एस) विधायकों को तोड़ने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वुमारस्वामी ने कहा कि वे लोग विधायकों को धमका रहे हैं और उन पर दबाव डाल रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि विजयनगर से कांग्रेस विधायक अानंद सिंह पर दबाव बनाने के लिए ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
Comments System WIDGET PACK