पूजा-पाठ : दैनिक जीवन में करें धर्म-भावना का समावेश
पूजा का अर्थ सिर्फ मंदिर में जाना ही नहीं है। अगर सच्ची श्रद्धा-भक्ति से अपने ईष्ट का स्मरण कर हाथ भी जोड़ लें, तो उसका भी फल मिलता है। व्यस्तताओं के बीच अगर आप पूजा के लिए ज्यादा समय नहीं निकाल पा रह...
- खगोल बोलत
- Apr 24th 2018