नीति आयोग की बैठक में नवाचार पर जोर

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हैदराबाद, नीति आयोग द्वारा सीएसआईआर-आईआईसीटी, हैदराबाद में आयोजित अनुसंधान एवं विकास सुगमता पर छठी क्षेत्रीय परामर्श बैठक में राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं के निदेशकों, कुलपतियों, विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों और संस्थागत नेतृत्वकर्ताओं सहित 90 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

नीति निर्माताओं और वैज्ञानिक पेशेवरों का यह प्रतिष्ठित सम्मेलन युवा रचनात्मक मस्तिष्क को पोषित कर, वित्त पोषण तंत्र को सुव्यवस्थित कर, प्रक्रियागत बाधाओं को दूर कर, बुनियादी शोध को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में बदलने में तेजी लाकर, वैज्ञानिक जाँच में अधिक विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ावा देकर भारत के अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने पर केंद्रित रहा।

विज्ञान और नवाचार के लिए नीति एवं अनुसंधान पर ज़ोर

यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मेजबान संस्थान के निदेशक डॉ. डी. श्रीनिवास रेड्डी ने उपस्थित प्रतिष्ठित वैज्ञानिक समुदाय का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि सीएसआईआर-आईआईसीटी रसायन विज्ञान के साथ रासायनिक प्रौद्योगिकी में अग्रणी और इस क्षेत्र में राष्ट्र की आवश्यकताओं को हमेशा पूरा करता रहा है। उन्होंने नीति आयोग की उस पहल का स्वागत किया, जो विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु अत्यंत आवश्यक वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा देने हेतु देश के अनुसंधान एवं विकास परिवेश में परिवर्तन लाने में सक्षम है।

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परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष और पद्म पुरस्कार से सम्मानित डॉ. अनिल काकोडकर ने विज्ञान जगत को अनुयायी रवैया त्यागकर विज्ञान में विच्छेदकारी स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास को आगे बढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने अनुसंधान एवं विकास को अपेक्षित सुगमता प्रदान करने के लिए नीति, शैक्षणिक और संस्थागत ढाँचों में सुधार पर ज़ोर दिया।

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राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने देश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अभूतपूर्व विकास की सराहना की, जो एक ओर लगातार बढ़ते प्रकाशनों/पेटेंटों से स्पष्ट है, वहीं दूसरी ओर शोधकर्ताओं द्वारा विकसित की गई लागत प्रभावी, किफायती इंजीनियरिंग तकनीकों की मान्यता है। राज्यपाल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सतत, मापनीय और समतामूलक आर्थिक विकास के लिए नवाचार को बढ़ावा देना समय की माँग है। नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार प्रोफेसर विवेक कुमार सिंह ने बैठकों की श्रृंखला के विषय पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को उनके बहुमूल्य सुझावों के लिए धन्यवाद दिया।

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