सदा सच बोलती रही क़लम (मिलाप के 75 वर्ष)


स्वतंत्रता सेनानी एवं दो कार्यकाल तक राज्यसभा सांसद रहीं सीता युद्धवीर जी ने लिखा है कि जेब में पैसे न होने पर काम चलाने की सूरत में आदमी लालची बन जाता है, किंतु हैदराबाद में मिलाप अख़बार के संस्थापक संपादक एवं स्वतंत्रता सेनानी युद्धवीर जी का चरित्र इस पक्ष में पत्थर बना रहा। उसे कोई तोड़ नहीं सका। उनकी क़लम सदा सच बोलती रही। मिलाप की सच्चाई को ख़रीदने की नाकाम कोशिशें कई बार की गयीं, लेकिन मिलाप न झुका, न टूटा।
मिलाप के शुरुआती दिनों की ही एक घटना है। एक बड़ी फर्म सरकार का काम किये बिना ही पैसा वसूल कर हज़म कर गयी। जब इसके प्रमाण युद्धवीर जी के हाथ लगे, तो उन्होंने इस बात को मिलाप अख़बार में उजागर कर दिया। फर्म के मालिक आईएएस अधिकारी के रिश्तेदार थे।
खबर का खंडन छापने के लिए दबाव बनाया गया, लेकिन जब युद्धवीर जी नहीं माने, तो उनके एक मित्र के हाथों 45 हज़ार रुपये की एक थैली भिजवाई गयी। इस प्रस्ताव पर युद्धवीर जी काफी क्रोधित हुए और उन्होंने अपने मित्र से कहा कि मैं जनता की लड़ाई लड़ने आया हूँ, धोखा देने नहीं।

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उस घटना के बाद आईएएस अधिकारी युद्धवीरजी के व्यक्तित्व से इतने प्रभावित हुए कि उनके अभिन्न मित्र बन गये। ऐसी अनेक घटनाएँ मिलाप के इन 75 वर्षों में घटी हैं, लेकिन मिलाप जनता के पक्ष में ही खड़ा रहा।
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