नये दौर का मिलाप
समय के साथ बहुत कुछ बदलता है, लेकिन सिद्धांत नहीं बदले जा सकते। हाँ उन्हें समय की आवश्यकताओं के अनुकूल बनाया जा सकता है। कहते हैं कि नेकी की राह पर चलना आसान नहीं होता। फिर भी लोग चलते हैं। इस सिद्धांत को कालजयी बनाने के लिए पथरीली राहों को हमवार बनाना पड़ता है। ऐसी ही राहों पर मिलाप ने लंबा सफर तय किया है। पिछली शताब्दी के अंतिम दो दशक प्रिंट मीडिया के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाले रहे।
अख़बार के पृष्ठों का रंग रूप बदल बदलने लगा। 1981 में युद्धवीर जी ने अमेरिका से अख़बार के पृष्ठ तैयार करने वाला पहला डेस्कटॉप मंगवाया। फिर जब हिंदी मिलाप का नेतृत्व आधुनिक सोच-विचार के साथ मिलाप की तीसरी पीढ़ी के पत्रकार विनय वीर जी ने संभाला, तो मिलाप ने भी आधुनिक दौर के साथ अपने कदम आगे बढ़ाए। हालांकि मिलाप ने ईस्टमन कलर की परंपरा पहले ही शुरू कर दी थी, लेकिन 1997 का वर्ष ऐतिहासिक रहा।
यह भी पढ़ें… हैदराबाद से पत्रकारिता की मशाल रोशन रखने का उद्देश्य
कलर प्रिंटिंग प्रेस स्थापित हुई। साथ ही साथ मिलाप इंटरनेट पर जाने वाला देश का पहला हिंदी समाचार पत्र बना। इतना नहीं नई सहस्राब्दी में दाखिल होते हुए हिंदी मिलाप ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया। सिटी पुल आउट निकालने की प्रथा हिंदी समाचार पत्रों में हिंदी मिलाप ने शुरू की। हिंदी मिलाप के हमारा शहर ने शहरी समाचारों पर केंद्रित फॉर्मेट की नयी परंपरा स्थापित की, जो आज तक पूरी ऊर्जा के साथ जारी है।
अब आपके लिए डेली हिंदी मिलाप द्वारा हर दिन ताज़ा समाचार और सूचनाओं की जानकारी के लिए हमारे सोशल मीडिया हैंडल की सेवाएं प्रस्तुत हैं। हमें फॉलो करने के लिए लिए Facebook , Instagram और Twitter पर क्लिक करें।




