रेवंत रेड्डी ने अपने हितों के लिए किया मेट्रो रेल का अधिग्रहण : जगदीश रेड्डी
हैदराबाद, पूर्व मंत्री जगदीश रेड्डी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने मेट्रो रेल परियोजना निर्माण कंपनी एलएंडटी को लाभ पहुंचाने और अपने हितों के उद्देश्य से मेट्रो रेल के पहले चरण को सरकार द्वारा अधिग्रहण करने का निर्णय लिया है जिसके चलते जनता पर 15 हजार करोड़ रुपये का भार लाद दिया गया है।
भारास पूर्व मंत्री जगदीश रेड्डी ने तेलंगाना भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि दरअसल जैसे ही मेट्रो का सरकार द्वारा अधिग्रहण करने की खबर आई, तुरंत ही एलएंडटी के शेयर 24 घंटे में ही बढ़ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास वेतन देने पैसा नहीं है, लेकिन जनता पर 15 हजार करोड़ रुपये का भार तो लाद दिया, पीछे से 1 हजार करोड़ रुपये की कमाई मुख्यमंत्री ने कर ली है।
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जगदीश रेड्डी ने फ्यूचर सिटी और आरक्षण मुद्दे पर आरोप लगाए
जगदीश रेड्डी ने आरोप लगाया कि दरअसल एलएंडटी से संबंधित 35 हजार करोड़ रुपये मूल्य की भूमियां अपने नजदीकियों के हवाले करके रियल एस्टेट का धंधा चमकाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का फ्यूचर क्या है उन्हें ही पता नहीं है, लेकिन बिना फ्यूचर वाली फ्यूचर सिटी का निर्माण करने के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो फ्यूचर सिटी अस्तित्व में नहीं है, जो अमरावती राजधानी का निर्माण तक नहीं किया गया है, उसके लिए ग्रीन फील्ड हाईवे, रेल लाइन बिछाकर क्या उस रेल में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी उनके गुरु आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायुडू के साथ बैठेंगे।
जगदीश रेड्डी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि दरअसल कांग्रेस सरकार ने चुनावों को मजाक बनाकर रख दिया है। स्थानीय निकाय चुनाव होंगे यह अब कोई भरोसा तक नहीं कर रहा है क्योंकि पिछडा वर्ग को 42 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए उसे 9वें शेड्युल में शामिल करना ही पडेगा वरना आरक्षण देना असंभव है। आरक्षण का मामला कोर्ट में लंबित है और सरकार ने जीओ जारी कर दिया है। इससे सब समझा जा सकता है।
जगदीश रेड्डी ने कहा कि दिल्ली में जब मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने धरना दिया था तभी भाषण में स्पष्ट कहा था कि राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर ही बीसी वर्ग को 42 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। अब उसी मार्ग पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र ने बिल को मंजूरी नहीं दी है फिर भी जीओ जारी करने का क्या तुक है, यह प्रश्न सभी के दिमाग में कौंध रहा है।
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