विश्वस्तरीय बनेगा हैदराबाद : रेवंत रेड्डी

हैदराबाद, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि गोदावरी का पानी श्रीपदा येल्लमपल्ली से हैदराबाद लाया जा रहा है। उन्होंने इस बात के लिए कुछ लोगों की आलोचना की कि वे भूल रहे हैं और कह रहे हैं कि यह पानी मल्लना सागर से लाया जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि तुम्मिडीहेट्टी के पास ही प्राणहिता-चेवेल्ला परियोजना का निर्माण किया जाएगा और आदिलाबाद तथा रंगारेड्डी जिलों के किसानों को सिंचाई जल उपलब्ध करवाया जाएगा।

रेवंत रेड्डी ने सोमवार शाम हैदराबाद शहर में विभिन्न कार्यक्रमों का उद्घाटन व भूमिपूजन किया। जल बोर्ड के तत्वावधान में निर्मित 16 जलाशयों का उद्घाटन, कोकापेट में नियो पुलिस ट्रम्पेट इंटरचेंज का उद्घाटन, नियो पोलिस जलापूर्ति एवं सीवरेज परियोजना की आधारशिला रखना आदि शामिल है। इसके बाद उन्होंने गंडीपेट में गोदावरी चरण 2 और 3 की आधारशिला रखी। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने दोहराया कि हैदराबाद शहर को एक विश्वस्तरीय शहर के रूप में विकसित किया जाएगा।

हैदराबाद जल आपूर्ति में कांग्रेस सरकारों का योगदान

रेवंत रेड्डी ने सभी लोगों से शहर के विकास के लिए सरकार का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने दोहराया कि तेलंगाना राइजिंग-2047 विजन डॉक्यूमेंट आगामी 9 दिसंबर को राज्य की जनता को समर्पित किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारी सरकार राज्य के विकास में बाधा डालने वाली किसी भी साजिश और योजना को विफल करेगी। उन्होंने कहा कि यह इंदिरम्मा राज्य है और इंदिरम्मा राज्य में गरीबों के साथ न्याय अवश्य होगा।

इस अवसर पर सीएम ने कहा कि निज़ाम सरकार ने वर्ष 1908 में उस्मान सागर और हिमायत सागर का निर्माण करवा कर हैदराबाद की जनता को बाढ़ से बचाया था। एक करोड़ से अधिक आबादी वाले हैदराबाद शहर को पीने का पानी उपलब्ध करवाने के लिए कांग्रेस सरकारों ने कड़ी मेहनत की है। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 1965 में मंजीरा नदी से शहर को पीने का पानी उपलब्ध करवाने वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ही थी। उन्होंने कहा कि 2002 में तीन चरणों में कृष्णा नदी का पानी शहर में पहुंचाने और लोगों की प्यास बुझाने का श्रेय कांग्रेस सरकारों को जाता है।

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मूसी नदी की सफाई और गोदावरी जल आपूर्ति का वादा

रेवंत रेड्डी ने बीआरएस की आलोचना करते हुए कहा कि कुछ लोग कांग्रेस द्वारा लाए गए गोदावरी के पानी ऐसा अभिनय कर रहे हैं, जैसे उन्होंने बहुत कुछ किया हो। उन्होंने टिप्पणी की कि सिर्फ़ सिर पर पानी डालने से उनके पाप नहीं धुलेंगे। गोदावरी का पानी स्थानांतरित करने की पहल कांग्रेस सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद ही की गई। उन्होंने आगे कहा कि प्रदूषित मूसी नदी के कारण नलगोंडा जिला गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है।

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रेवंत रेड्डी ने याद दिलाया कि उन्होंने मूसी नदी को प्रदूषण मुक्त करने का वादा किया था। उन्होंने घोषणा की कि गोदावरी का 20 टीएमसी पानी हैदराबाद स्थानांतरित करके इसमें से 16 टीएमसी हैदराबाद के पेयजल के लिए उपयोग किया जाएगा। इसके बाद तालाबों को भरकर मूसी को साफ करने के लिए 4 टीएमसी पानी मूसी में स्थानांतरित किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने भाजपा नेताओं से सवाल किया कि गंगा, यमुना और साबरमती नदियों को साफ किया जा सकता है, लेकिन क्या हमें मूसी नदी को साफ नहीं करना चाहिए।

रेवंत रेड्डी ने बीआरएस नेताओं से सवाल किया कि जो लोग दस साल तक सत्ता में रहे, उन्होंने मूसी नदी की सफाई का काम क्यों नहीं किया। उन्होंने दाव किया कि मूसी नदी का पूर्व वैभव वापस लाने के लिए उनकी सरकार कटिबद्धता से काम कर रही है। इस कार्यक्रम में मंत्री श्रीधर बाबू, विवेक, विधान परिषद के मुख्य सचेतक पट्नम महेंदर रेड्डी, सीएम के सलाहकार वेम नरेंद्र रेड्डी, शहर के जनप्रतिनिधियों तथा अन्य नेताओं ने भाग लिया।

मेडारम विकास 100 दिनों में करने के निर्देश

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को मेडारम महाजातरा तक मंदिर को श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुरूप विकसित करने के निर्देश दिए है। उन्होंने अधिकारियों को मेडारम के विकास कार्यों को 100 दिनों के भीतर पूरा करने की योजना तैयार कर आगे बढ़ने की सलाह दी। उन्होंने मेडारम और बासरा मंदिरों के विकास योजनाओं पर एक समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को मेडारम और बासरा मंदिरों के विकास के लिए बनाए गये मास्टर प्लान के बारे में बताया।

इस अवसर पर सीएम ने मेडारम मंदिर के विकास से संबंधित विभिन्न डिजाइनों का अवलोकन किया। उन्होंने सुझाव दिया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए कि संरचनाएँ पूरी तरह से प्राकृतिक पत्थरों से बनी हों। उन्होंने स्पष्ट किया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रवेश, निकास और पार्किंग की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए जम्पन्ना नदी में पानी बनाए रखने के लिए क्षेत्रवार चेकडैम के निर्माण की योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह इस सप्ताह वे स्वयं मेडारम का दौरा कर क्षेत्रस्तर पर किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण करेंगे।

इसके अलावा उन्होंने बासरा ज्ञान सरस्वती मंदिर के विस्तार और विकास के संबंध में भी अधिकारियों को कई सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए और सभी मंदिरों के विकास के संबंध में स्थानीय विशेषज्ञों और पुजारियों की राय को ध्यान में रखा जाना चाहिए। इस समीक्षा बैठक में मंत्री कोंडा सुरेखा, सीतक्का, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, लक्ष्मण, सीएम के प्रधान सचिव श्रीनिवास राजू, धर्मस्व प्रधान सचिव शैलजा रामय्यार और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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