इंदिरा एकादशी व्रत विष्णु से पितरों को मोक्ष की प्रार्थना का शुभ दिन
तिथि मुहूर्त
विक्रम पंचांग के मुताबिक आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि अंग्रेजी कैलंडर के अनुसार 17 सितंबर, बुधवार की सुबह 12 बजकर 21 मिनट से आरंभ हो रही है, जो 17 सितंबर, बुधवार की रात 11 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के मुताबिक इंदिरा एकादशी का व्रत 17 सितंबर, बुधवार को रखा जाएगा।
व्रत पारण
18 सितंबर, गुरुवार की सुबह 6 बजकर 7 मिनट से सुबह 8 बजकर 34 मिनट तक।
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि भगवान श्रीविष्णु की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने से साधक को न केवल मोक्ष की प्राप्ति होती है, बल्कि जाने-अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति मिलती है। शास्त्रां के मुताबिक एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के जीवन से कष्ट दूर होते हैं और वह श्रीहरि की कृपा का पात्र बन जाता है।
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सभी एकादशी तिथियों में आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की इंदिरा एकादशी का विशेष महत्व है। इसे पितरों के उद्धार और उन्हें प्रसन्न करने का दिन भी माना जाता है। यदि इंदिरा एकादशी पर सच्चे भाव से पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य जैसे कार्य किए जाए, तो पितरों की आत्मा को शांति मिलती हैं।
पूजा विधि
इंदिरा एकादशी पर पूजा के लिए एक चौकी पर विष्णु जी की मूर्ति स्थापित करें। भगवान विष्णु को पीला रंग के वस्त्र अर्पित करें। इसी रंग के फूल चढ़ाएँ और पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएँ। प्रभु के समक्ष दीप व धूप प्रज्जवलित करें। एकादशी की कथा का पाठ करें। इसके बाद पितरों के समक्ष भी दीप जलाएं और सुख-शांति की कामना करें। विष्णु जी की आरती करें। अगले दिन व्रत का पारणा करने के बाद जरूरतमंदों को दान करें।
मंत्र जाप
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन। यत्पूजितं मया देव परिपूर्ण तदस्तु मे।। ॐ श्री विष्णवे नम: । क्षमा याचनाम् समर्पयामि।।
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