हैदराबाद - ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम, हम्डा, कुडा और एचआरडीसीएल द्वारा मूसी और ईसा नदी पर 14 पुलों के निर्माण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी। इनमें अफजलगंज आइकॉनिक ब्रिज के साथ साथ मूसारामबाग एवं चादरघाट ब्रिज शामिल हैं। सरकार द्वारा हाल ही में मंज़ूर की गयी 15 परियोजनाओं में 14 पुलों के साथ एक लिंक रोड भी शामिल है।
जीएचएमसी और हैदराबाद सड़क विकास निगम लिमिटेड के इंजीनियर इन चीफ जियाउद्दीन ने हिन्दी मिलाप को बताया कि मूसी और ईसा नदी पर 15 परियोजनाओं के निर्माण को सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। बहुत जल्द इसकी निविदा प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इस पर सरकार ने 545 करोड़ रूपये मंजूर किये हैं। नागरिक प्रशासन एवं शहरी विकास मंत्री के. तारक रामाराव ने पिछले साल 2021 में 31 मई को घोषणा की थी कि मूसी पर 12 पुलों का निर्माण होगा। इन बारह पुलों की सूची भी केसीआर ने जारी की थी। बाद में अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ समय-समय पर हुई परामर्श बैठकों के बाद इस सूची में कुछ और परियोजनाएं भी जुड़ गयीं। विशेषकर पिछले दिनों भारी वर्षा के दौरान चादरघाट काज़-वे और मूसारामबाग के पास बाढ़ का पानी पुलों के ऊपर से जाने के दौरान वाहनीय यातायात को हुई समस्या के बाद यहाँ भी ऊंचे स्तर के नये पुलों के निर्माण का निर्णय लिया गया है।
हैदराबाद को पेयजलापूर्ति के पुराने स्रोत हिमायत सागर और उस्मान सागर में बाढ़ की स्थिति में कई स्थानों पर दोनों नदियों के दोनों ओर रहने वालों को एक दूसरे मार्ग पर जाना काफी कठिन है। विशेषकर हिमायत सागर से बापूघाट तक केवल दो ही पुल हैं, जबकि उस्मान सागर से नागोल तक कई स्थानों पर नये पुलों की ज़रूरत सामने आयी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए नागरिक प्रशासन विभाग ने नये पुलों के निर्माण को हरी झंडी दी है। इन पुलों के निर्माण कार्य को जीएचएमसी के अलावा हम्डा, एचआरडीसीएल और पहली बार कुडा को भी पुल निर्माण प्रक्रिया में प्राधिकरण के रूप में शामिल किया गया है। एचअारडीसीएल के अंतर्गत मिÅस्सग लिंक कॉरिडोर 99 को जोड़ने के लिए मूसी पर पुल, सन सिटी से चिंतलमेट के बीच ईसा नदी पर पुल, ईसा नदी पर ही इंटरनल रिंगरोड और बंड्लागुड़ा जागीर के बीच एक और पुल का निर्माण कार्य सौंपा गया है।
अफजलगंज पर आइकॉनिक पदचालन ब्रिज के निर्माण की जिम्मेदारी कुली कुतुबशाह शहरी विकास प्राधिकरण (कुड़ा) को दी गयी है। जीएचएमसी को दी गयी जिम्मेदारी में इब्राहिमबाग काजवे को जोड़ने के लिए मूसी पर पुल, मूसारामबाग पर हाईलेवल ब्रिज, चादरघाट पर हाईलेवल ब्रिज और अत्तापुर पर वर्तमान पुल के समानांतर एक और पुल शामिल है। हम्डा को जो कार्य सौंपे गये हैं, उनमें मूसी पर उप्पल ले अाउट के पास पुल, मंचिरेवुला-नारसिंगी के बीच पुल, बुदवेल आईटी पार्क को जोडने के लिए ईसा नदी पर दो पुल, हैदराशाहकोट से रामदेवगुड़ा के बीच पुल, प्रताप सिंगारम से गोरेल्ली के बीच हाईलेवल ब्रिज और मंचिरेवुला ग्राम को जोड़ने के लिए नयी लिंक रोड शामिल है। उल्लेखनीय है कि उस्मान सागर (गंडीपेट) से लेकर नागोल तक मूसी पर पहले ही लगभग 20 पुल हैं। इन पुलों में बापूघाट, जिंदा तिलिस्मात एवं नागोल सहित कुछ पुल बीते एक दशक के दौरान में निर्मित किये गये हैं, जबकि पूर्व सरकारों ने पुराना पुल, मुस्लिमजंग पुल, चादरघाट सहित कुछ और स्थानों पर नये पुलों का निर्माण किया है। वर्तमान सरकार नये पुलों के निर्माण में नयी तकनीक का उपयोग करने पर विचार कर रही है।
जीएचएमसी और हैदराबाद सड़क विकास निगम लिमिटेड के इंजीनियर इन चीफ जियाउद्दीन ने हिन्दी मिलाप को बताया कि मूसी और ईसा नदी पर 15 परियोजनाओं के निर्माण को सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। बहुत जल्द इसकी निविदा प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इस पर सरकार ने 545 करोड़ रूपये मंजूर किये हैं। नागरिक प्रशासन एवं शहरी विकास मंत्री के. तारक रामाराव ने पिछले साल 2021 में 31 मई को घोषणा की थी कि मूसी पर 12 पुलों का निर्माण होगा। इन बारह पुलों की सूची भी केसीआर ने जारी की थी। बाद में अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ समय-समय पर हुई परामर्श बैठकों के बाद इस सूची में कुछ और परियोजनाएं भी जुड़ गयीं। विशेषकर पिछले दिनों भारी वर्षा के दौरान चादरघाट काज़-वे और मूसारामबाग के पास बाढ़ का पानी पुलों के ऊपर से जाने के दौरान वाहनीय यातायात को हुई समस्या के बाद यहाँ भी ऊंचे स्तर के नये पुलों के निर्माण का निर्णय लिया गया है।
हैदराबाद को पेयजलापूर्ति के पुराने स्रोत हिमायत सागर और उस्मान सागर में बाढ़ की स्थिति में कई स्थानों पर दोनों नदियों के दोनों ओर रहने वालों को एक दूसरे मार्ग पर जाना काफी कठिन है। विशेषकर हिमायत सागर से बापूघाट तक केवल दो ही पुल हैं, जबकि उस्मान सागर से नागोल तक कई स्थानों पर नये पुलों की ज़रूरत सामने आयी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए नागरिक प्रशासन विभाग ने नये पुलों के निर्माण को हरी झंडी दी है। इन पुलों के निर्माण कार्य को जीएचएमसी के अलावा हम्डा, एचआरडीसीएल और पहली बार कुडा को भी पुल निर्माण प्रक्रिया में प्राधिकरण के रूप में शामिल किया गया है। एचअारडीसीएल के अंतर्गत मिÅस्सग लिंक कॉरिडोर 99 को जोड़ने के लिए मूसी पर पुल, सन सिटी से चिंतलमेट के बीच ईसा नदी पर पुल, ईसा नदी पर ही इंटरनल रिंगरोड और बंड्लागुड़ा जागीर के बीच एक और पुल का निर्माण कार्य सौंपा गया है।
अफजलगंज पर आइकॉनिक पदचालन ब्रिज के निर्माण की जिम्मेदारी कुली कुतुबशाह शहरी विकास प्राधिकरण (कुड़ा) को दी गयी है। जीएचएमसी को दी गयी जिम्मेदारी में इब्राहिमबाग काजवे को जोड़ने के लिए मूसी पर पुल, मूसारामबाग पर हाईलेवल ब्रिज, चादरघाट पर हाईलेवल ब्रिज और अत्तापुर पर वर्तमान पुल के समानांतर एक और पुल शामिल है। हम्डा को जो कार्य सौंपे गये हैं, उनमें मूसी पर उप्पल ले अाउट के पास पुल, मंचिरेवुला-नारसिंगी के बीच पुल, बुदवेल आईटी पार्क को जोडने के लिए ईसा नदी पर दो पुल, हैदराशाहकोट से रामदेवगुड़ा के बीच पुल, प्रताप सिंगारम से गोरेल्ली के बीच हाईलेवल ब्रिज और मंचिरेवुला ग्राम को जोड़ने के लिए नयी लिंक रोड शामिल है। उल्लेखनीय है कि उस्मान सागर (गंडीपेट) से लेकर नागोल तक मूसी पर पहले ही लगभग 20 पुल हैं। इन पुलों में बापूघाट, जिंदा तिलिस्मात एवं नागोल सहित कुछ पुल बीते एक दशक के दौरान में निर्मित किये गये हैं, जबकि पूर्व सरकारों ने पुराना पुल, मुस्लिमजंग पुल, चादरघाट सहित कुछ और स्थानों पर नये पुलों का निर्माण किया है। वर्तमान सरकार नये पुलों के निर्माण में नयी तकनीक का उपयोग करने पर विचार कर रही है।