फार्मास्यूटिकल उद्योग पर बीडीएमए की संगोष्ठी

 BDMA Seminar on Pharmaceutical Industry
हैदराबाद- बल्क ड्रग मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन (बीडीएमए) ने भारत सरकार, तेलंगाना सरकार और फार्मास्यूटिकल्स विभाग के सहयोग से फार्मास्यूटिकल उद्योग योजना के सुदृढ़ीकरण और विनिर्माण प्रक्रिया में हालिया प्रगति पर संगोष्ठी का आयोजन किया। अवसर पर कोविड के बाद की चुनौतियों और अवसर पर चर्चा की गई। 
तेलंगाना सरकार के आईटी विभाग के प्रधान सचिव जयेश रंजन ने कहा कि फार्मास्यूटिकल एक रणनीतिक उद्योग है, जो हमारे राष्ट्र की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होने के अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। भारतीय फार्मास्यूटिकल उद्योग ने कई बाधाओं के बावजूद वर्ष 2021-22 के दौरान 24.61 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रदर्शन और निर्यात किया है, यह आगे बढ़ रहा है।

आज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कार्यक्रम के सहयोगी भागीदार सीडीएससीओ, एनआईपीईआर फार्मेक्ससिल और सिडबी हैं। इस भागीदारी का उद्देश्य एमएसएमई पर फोकस के साथ फार्मास्यूटिकल कंपनियों में गुणवत्ता के बुनियादी ढाँचे को मजबूत कर उद्योग अकादमिक सहयोग और फार्मास्यूटिकल्स के निर्यात को बढ़ावा देना है। एमएसएमई से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा कि भारत सरकार पिछले कुछ समय से दवा उद्योग के लिए क्लस्टर विकास की बात कर रही है, ताकि इसे और अधिक प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनाया जा सके। रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने देश में एपीआई के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण प्रणालियों और समर्थन बुनियादी ढाँचे के साथ फार्मा उद्योग का समर्थन करने के उद्देश्य से लगभग 500 करोड़ रूपये के फंड आवंटन के साथ फार्मास्यूटिकल उद्योग योजनाओं को मजबूत करने की शुरुआत की है। यह गुणवत्ता वाली थोक दवाओं और फॉर्मूलेशन के उत्पादन के लिए सभी फार्मा निर्माताओं को संवेदनशील बनाने का महत्वपूर्ण तरीका है। 

कार्यक्रम में फार्मास्यूटिकल विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. एन. युवराज, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के उप-औषधि नियंत्रक डॉ. ए. रामकिशन, तेलंगाना सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव सैयद रिजवी एवं अन्य ने हिस्सा लिया। 
 
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