गुजरात में कांग्रेस के गढ़ पर पकड़ बनाने की कोशिश में भाजपा

 BJP trying to grab hold of Congress stronghold in Gujarat

 अहमदाबाद, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 27 विधानसभा सीटों वाले पूर्वी गुजरात के आदिवासी क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अभी तक बहुत ज्यादा चुनावी सफलता हासिल नहीं की है, Ìयोंकि कांग्रेस ने वहाँ अपनी मजबूत पकड़ बना रखी है।

 

राज्य में लगातार छह विधानसभा चुनाव जीतने वाली भाजपा को अब लगता है कि अगले महीने के चुनावों में वह इन 27 में से कम से कम 20 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है, Ìयोंकि आदिवासी आबादी विकास चाहती है। इसके अलावा, पार्टी को उम्मीद है कि वह क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भुना सकती है।

सत्तारूढ़ पार्टी का कहना है कि कांग्रेस का चुनाव अभियान इस ववÌत मंद है और आम आदमी पार्टी (आप) के मुकाबले में आने से कांग्रेस के वोट कटेंगे। बहरहाल, कांग्रेस का मानना है कि आदिवासी आबादी इस बार भी उसके पक्ष में वोट करेगी, Ìयोंकि उसे कांग्रेस की पिछली सरकारों द्वारा इस समुदाय के उत्थान के लिए किए गए अच्छे काम याद हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षक दावा कर रहे हैं कि राज्य में अन्य जगहों पर कमजोर स्थिति में होने के बावजूद आदिवासी क्षेत्र में कांग्रेस की पकड़ बनी रहेगी।

2011 की जनगणना के अनुसार, गुजरात में आदिवासियों की आबादी 89.17 लाख के करीब थी, जो राज्य की कुल आबादी का लगभग 15 प्रतिशत है। गुजरात के 14 पूर्वी जिलों म्ों अच्छी-खासी आदिवासी आबादी है। राज्य की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव एक और पाँच दिसंबर को दो चरणों में होंगे। मतगणना आठ दिसंबर को की जाएगी।

राजनीतिक दलों के लिए उत्तर में अंबाजी से लेकर दक्षिण में उमरगाँव तक फैले आदिवासी क्षेत्र में जीत हासिल करना पूर्वी गुजरात क्षेत्र में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए अहम माना जाता है। भाजपा 2002 से आदिवासी क्षेत्र में कांग्रेस के प्रभुत्व को तोड़ने का प्रयास कर रही है। आप भी इस क्षेत्र पर नजर गड़ाए हुए है। राज्य में 2017 के चुनावों में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित इन 27 सीटों में से कांग्रेस ने 15, भाजपा ने आठ, छोटू वसावा की भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने दो और निर्दलीय उम्मीदवार ने एक सीट पर जीत हासिल की थी।

हालाँकि, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और आप के आने के बावजूद आदिवासी क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा कायम रहेगा।

राजनीतिक पर्यवेक्षक हरी देसाई ने कहा, गुजरात के गठन के बाद से ही कांग्रेस का आदिवासी इलाकों में दबदबा रहा है। राज्य के कई अन्य हिस्सों में कमजोर प्रदर्शन के बावजूद आदिवासी इलाकों में पार्टी का प्रभाव बना रहेगा।


 

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