हैदराबाद, चार दशक पूर्व घाटे में चल रही पेन्नार कंपनी को खरीदकर उसे लाभदायक उद्योग में परिवार्तित करने वाले उद्यमी नृपेंद्र राव के जीवन पर आधारित पुस्तक `फोर्जिंग मेटल' आज यहाँ एक विशेष कार्यक्रम में लोकाार्पित की गयी। इस पुस्तक का प्रकाशन हार्पर कोलिन ने किया।
होटल पार्क हयात में आयोजित लोकार्पण समारोह में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन परे. मदन पिल्लुतला, टीमलीज के उपाध्यक्ष मनीष सभरवाल एवं सीआईआई तेलंगाना के अध्यक्ष वागीश दीक्षित ने फोर्जिंग मेटल का लोकार्पण किया। अवसर पर नृपेंद्र राव के साथ साथ पुस्तक के लेखक पवन सी. लाल एवं उद्योग जगत की कई हस्तियाँ मौजूद थीं।
वत्ताओं ने नृपेंद्र राव के बारे में कहा कि उन्होंने नैतिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध, सामाजिक और पर्यावरणीय चिंता के साथ व्यवसाय को आधार बनाया और लाभदायक और टिकाऊ उद्योग की अनूठी कहानी रची। नृपेंद्र राव ने 1987 में घाटे में चल रही पेन्नार स्टील्स को खरीदकर इसे लाभदायक उद्योग में परिवार्तित किया। दशकों बाद पेन्नार समूह ने विविध उपक्रम स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यकारी संपादक सचिन शर्मा के अनुसार, फोार्जिंग मेटल से यह सिद्ध होता है कि मूल्यों और स्थिरता की नींव पर बड़े संगठनों का निर्माण किया जा सकता है। नृपेंद्र राव कॉर्पोरेट भारत में सबसे दुर्लभ व्यापारिक नेताओं में से एक हैं। लेखक पवन सी. लाल ने कहा कि उद्यमी नृपेंद्र राव द्वारा पेन्नार की रचना एक ऐसी कहानी है, जो इस बात की याद दिलाती है कि सच्चे और सीधे मार्ग पर चलकर कामयाबी की बुलंदियों को कैसे परप्त किया जा सकता है।