नई दिल्ली- स्पष्ट तौर पर दक्षिण के राज्यों में पैर जमाने की रणनीति के तहत केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा नीत सरकार ने दक्षिण भारतीय राज्यों की चार दिग्गज हस्तियों को बुधवार को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया, जिसमें प्रख्यात एथलीट पी.टी. उषा और महान संगीतकार इलैयाराजा शामिल हैं। इस कदम को दक्षिण भारत की जानी मानी हस्तियों को मान्यता देने एवं पहुँच बनाने के सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
बुधवार को कर्नाटक में समाजसेवी एवं धर्मस्थल मंदिर के प्रशासक वीरेंद्र हेगड़े और प्रसिद्ध पटकथा लेखक एवं फिल्म निर्देशक वी. विजयेंद्र प्रसाद को भी संसद के उच्च सदन के लिए मनोनीत किया गया। वी. विजयेंद्र प्रसाद आंध्र प्रदेश से आते हैं और वे शानदार प्रदर्शन करने वाली फिल्म आरआरआर, बजरंगी भाईजान तथा बाहुबली जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। पी. टी. उषा केरल से आती हैं। संगीतकार इलैयाराजा केरल से हैं और वे दलित समुदाय से आते हैं। राज्यसभा के लिए इन चार हस्तियों को मनोनीत करने का फैसला कुछ दिन पहले हैदराबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक के बाद सामने आया है। इस बैठक में भाजपा के विस्तार के अगले चरण के तहत दक्षिणी राज्यों पर ध्यान केंद्रित करने को रेखांकित किया गया था। भाजपा कर्नाटक को छोड़कर दक्षिणी राज्यों में पारंपरिक तौर पर मजबूत नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर सभी हस्तियों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर कहा, उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाली पी.टी. उषा जी हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत हैं। खेलों में उनकी उपलब्धियों को व्यापक रूप से पहचाना जाता है। हालाँकि, पिछले कई वर्षों में उभरते एथलीटों का मार्गदर्शन करने के लिए उनका काम भी उतना ही सराहनीय है। राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर उन्हें बधाई। मोदी ने अलग-अलग ट्वीट में अपने बधाई संदेशों के साथ उषा और इलैयाराजा के साथ अपनी तस्वीरें भी साझा कीं।
उन्होंने कहा कि इलैयाराजा की रचनात्मक प्रतिभा ने पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को मंत्रमुग्ध किया है। उनका कार्य भावनाओं को खूबसूरती से दर्शाता है। उनकी जीवन यात्रा भी उतनी ही प्रेरक है, वह सामान्य पृष्ठभूमि से आये और बहुत कुछ हासिल किया। खुशी है कि उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। हेगड़े के लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि सामुदायिक सेवा में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने कहा, मुझे धर्मस्थल मंदिर में पूजा-अर्चना करने और स्वास्थ्य, शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में उनके कार्य को देखने का मौका मिला। वे निश्चित तौर पर संसदीय कार्यवाही को समृद्ध बनाएँगे। प्रसाद की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे रचनात्मक दुनिया से दशकों से जुड़े रहे और उनके कार्य भारत की गौरवशाली संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं और इसकी वैश्विक छाप रही है।(भाषा इनपुट के साथ)
बुधवार को कर्नाटक में समाजसेवी एवं धर्मस्थल मंदिर के प्रशासक वीरेंद्र हेगड़े और प्रसिद्ध पटकथा लेखक एवं फिल्म निर्देशक वी. विजयेंद्र प्रसाद को भी संसद के उच्च सदन के लिए मनोनीत किया गया। वी. विजयेंद्र प्रसाद आंध्र प्रदेश से आते हैं और वे शानदार प्रदर्शन करने वाली फिल्म आरआरआर, बजरंगी भाईजान तथा बाहुबली जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। पी. टी. उषा केरल से आती हैं। संगीतकार इलैयाराजा केरल से हैं और वे दलित समुदाय से आते हैं। राज्यसभा के लिए इन चार हस्तियों को मनोनीत करने का फैसला कुछ दिन पहले हैदराबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक के बाद सामने आया है। इस बैठक में भाजपा के विस्तार के अगले चरण के तहत दक्षिणी राज्यों पर ध्यान केंद्रित करने को रेखांकित किया गया था। भाजपा कर्नाटक को छोड़कर दक्षिणी राज्यों में पारंपरिक तौर पर मजबूत नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर सभी हस्तियों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर कहा, उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाली पी.टी. उषा जी हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत हैं। खेलों में उनकी उपलब्धियों को व्यापक रूप से पहचाना जाता है। हालाँकि, पिछले कई वर्षों में उभरते एथलीटों का मार्गदर्शन करने के लिए उनका काम भी उतना ही सराहनीय है। राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर उन्हें बधाई। मोदी ने अलग-अलग ट्वीट में अपने बधाई संदेशों के साथ उषा और इलैयाराजा के साथ अपनी तस्वीरें भी साझा कीं।
उन्होंने कहा कि इलैयाराजा की रचनात्मक प्रतिभा ने पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को मंत्रमुग्ध किया है। उनका कार्य भावनाओं को खूबसूरती से दर्शाता है। उनकी जीवन यात्रा भी उतनी ही प्रेरक है, वह सामान्य पृष्ठभूमि से आये और बहुत कुछ हासिल किया। खुशी है कि उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। हेगड़े के लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि सामुदायिक सेवा में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने कहा, मुझे धर्मस्थल मंदिर में पूजा-अर्चना करने और स्वास्थ्य, शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में उनके कार्य को देखने का मौका मिला। वे निश्चित तौर पर संसदीय कार्यवाही को समृद्ध बनाएँगे। प्रसाद की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे रचनात्मक दुनिया से दशकों से जुड़े रहे और उनके कार्य भारत की गौरवशाली संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं और इसकी वैश्विक छाप रही है।(भाषा इनपुट के साथ)