साइबराबाद में फर्जी वीओआईपी कॉल सेंटर का भंडाफोड़

 Fake VoIP call center busted in Cyberabad
हैदराबाद-साइबराबाद की साइबर अपराध पुलिस ने फर्जी इंटरनेशनल वीओआईपी कॉल सेंटर पर छापा मारकर ठगी के मामले में 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए साइबराबाद पुलिस आयुक्त स्टीफन रवीन्द्र ने बताया कि साइबर अपराध पुलिस इंस्पेक्टर के. श्रीनिवास ने सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर छापा मारकर फर्जी वीओआईपी कॉल सेंटर चलाने वाले तीन मुख्य आरोपियों मो. रफी कवुंगल, गंदम वीरा रामनरेश और के.कल्याण चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया। ये तीनों आरोपी अपने अन्य सहयोगियों के सहयोग से फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर विदेशी नागरिकों को ठगी का शिकार बना रहेथे। आरोपियों के पास से पुलिस ने 10 लैपटॉप, 20 सेलफोन, 4 रूटर, एक लेटरहेड, एक लाइसेंस एग्रीमेंट और एक सर्टिफिकेट आफ इनकॉरपोरेशन जब्त किया।  गिरफ्तार आरोपियों में मल्लापुरम, केरल निवासी मो. रफी कवुंगल,काकीनाड़ा निवासी व मियाँपुर का रहने वाला गंदम वीरा रामनरेश, निजामपेट, बचुपल्ली निवासी के. कल्याण चक्रवर्ती, कोलकाता निवासी रयान उर्फ मनीष गुप्ता,अमरजीत गिरी उर्फ क्रिष्ट विल्सन, मो. इमरान, संदीप शर्मा, अभिषेक सिंह, हेमंत सिंह, अमन शाह, आशीष जायसवाल, विक्की कुमार शाह, अमन शाह, दानिश खान,विक्की सिंह और साहिल नूर हसन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि तीनों मुख्य आरोपियों ने ऑनलाइन स्तर पर ई-कॉमर्स कंपनी का पंजीकरण किया और इसके जरिए कोलकाता में कॉल सेंटर संचालित कर विदेशी नागरिकों को एंटीवायरस कंपनी के नाम पर सेवाएँ उपलब्ध कराने का झाँसा देकर पैसा वसूल रहे थे।

आरोपियों ने ई-मेल टू ई-मेल मनी ट्रांसफर व टेलीकॉलर सर्विस उपलब्ध करवाने के नाम पर ठगी की।  इसके लिए आरोपियों ने पेरू, यूएसए, थाईलैंड और सिंगापुर में आरोपी संदीप शर्मा के जरिए बैंक खाते भी खुलवाए थे। बिटक्वाइन के जरिए वे ठगी की रकम बैंक खाते में जमा कर रहे थे। इसके लिए संदीप शर्मा पेरू में पैसा जमा करने 30 प्रतिशत, यूएसए में 50 प्रतिशत, थाईलैंड में 25 और सिंगापुर में 25 प्रतिशत कमीशन ले रहा था। इसी प्रकार तीनों मुख्य आरोपी क्रमशः 35,25, 37.5 व 37.5 और आरोपी अमरजीत गिरि क्रमशः 35, 25, 37.5और 37.5 कमीशन ले रहा था। प्रत्येक इंटरनेशनल कॉल के लिए 250 रुपये वसूल रहे थे। सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420,468, आईटी एक्ट की धारा 66सी और 66डी के तहत मामले दर्ज किए गए। उन्हें हैदराबाद लाने के बाद अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया।
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