औने-पौने दाम पर धान बेचने को मजबूर किसान : संजय

हैदराबाद :  भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंडी संजय ने केसीआर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि एक ओर तेरास तेलंगाना को रैतु बंधु वाला राज्य बताकर खूब तारीफें बटोर रही है और दूसरी ओर वह किसानों के साथ धोखा कर रही है। खरीद केंद्र स्थापित होने में देरी के कारण धान की कटाई का 60 प्रतिशत अनाज कौड़ी के भाव बेचने को किसान मजब्रूर हुए। उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है। एक बात तो निश्चित है कि दुःख और चिंता से ग्रसित किसान वाला राज्य कभी विकास नहीं कर सकता है और तेरास सरकार भी किसानों को तकलीफ देकर ज्यादा दिन नहीं टिक सकती है। 

प्रजा संग्राम यात्रा के दूसरे चरण के 20वें दिन देवराकद्रा निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए बंडी संजय कुमार ने उक्त बातें कहीं। उन्होंने देवराकाद्रा में नागारम के पास अनाज भंडार का निरीक्षण कियाऔर किसानों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के बारे में बात की। किसानों ने उन्हें बताया कि वे पिछले 20 दिनों से अनाज बेचने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने तेरास सरकार पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यदि सरकार उचित समय पर खरीद केंद्र स्थापित करती तो उन्हें अपने अनाज औने-पौने दाम पर नहीं बेचने पड़ते। बिचौलिये उनकी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। कई किसानों ने संजय से न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर शिकायत की। उन्होंने कहा कि उनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है और उनकी जिदंगी मौत के कगार पर खड़ी है। बंडी संजय ने किसानों को आश्वासन दिया कि वे उनका साथ नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने याद दिलाया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसानों के समर्थन में हैं।

संजय ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों पर बोझ न डालने के इरादे से बड़े पैमाने पर सब्सिडी दे रही है। आगामी खरीफ सीजन में ही किसानों के लिए 60,000 करोड़ रूपये से अधिक की सब्सिडी राशि निर्धारित की गई है। हालांकि, केंद्र सरकार ने किसानों और गरीबों के लिए कई विकास और कल्याणकारी योजनाएं शुरू की, लेकिन राज्य में तेरास सरकार संबंधित समुदायों के लिए उन्हें लागू नहीं कर विश्वासघात कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य के साथ-साथ केंद्र में भी भाजपा की सरकार बनती है, तो यह सभी वर्गों के लोगों के लिए अच्छा होगा। केसीआर राजनीतिक लाभ के लिए केंद्र को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। तेरास के महामहिम अपने स्वार्थी राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किसानों को बलि का बकरा बना रहे हैं। लगभग 60 प्रतिशत किसानों ने अपनी उपज बिचौलियों को बेच दी। खरीद केंद्रों के असमय खुलने से भारी नुकसान हुआ। क्या यह किसानों के लिए बेहतर नहीं होता, अगर यह खरीद केंद्र में समय पर शुरू हो जाता। केसीआर को इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और प्रभावित किसानों को मुआवजा देना चाहिए।
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